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समंदर किनारे दिखी डरावनी चीज! जलपरी जैसा शरीर, ऊपरी हिस्सा कंकाल जैसा, लोगों को हैरान कर रही ये तस्वीरें

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दुनिया भर में ऐसे कई रहस्य हैं, जिनका कोई स्पष्ट वैज्ञानिक जवाब आज तक नहीं मिल सका। एलियंस, जलपरियां, विशालकाय राक्षसों जैसी चीजें सदियों से इंसानों की जिज्ञासा और कल्पनाओं का हिस्सा रही हैं। समय-समय पर इनसे जुड़े दावे और किस्से सामने आते रहे हैं, जो कभी रोमांच पैदा करते हैं, तो कभी डर। ऐसा ही एक ताज़ा मामला इंग्लैंड से सामने आया है, जहां समुद्र तट पर एक रहस्यमयी 'जलपरी जैसी आकृति' मिली है, जिसने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है।

समुद्र किनारे टहलते वक्त मिला अजीब कंकाल

यह घटना 10 मार्च, 2025 की है। इंग्लैंड के केंट स्थित मार्गेट बीच पर टहलने गए एक कपल – पाउला और डेव रेगन – को एक अजीब चीज नजर आई। रेत पर पड़ी यह आकृति किसी इंसान और मछली के मिश्रण जैसी दिख रही थी, जिसमें मछली की पूंछ, इंसानी जैसी पसलियां और एक एलियन जैसे चेहरे की झलक थी।

पाउला ने मीडिया को बताया, “मैं बता नहीं सकती कि वह क्या थी, पर यह सबसे अजीब चीज थी जिसे मैंने कभी देखा है। अगर हमने इसकी तस्वीर नहीं ली होती, तो कोई यकीन ही नहीं करता।” उन्होंने तुरंत उस आकृति की तस्वीरें लीं, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस: क्या थी ये आकृति?

पाउला और डेव द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में जो आकृति दिख रही है, वह एक लकड़ी के ढांचे से बनी हुई लगती है। उसका शरीर काफी हद तक किसी जलपरी (Mermaid) से मेल खाता है – इंसानी पसलियां, लंबी मछली जैसी पूंछ, और रहस्यमयी सिर।

कुछ लोगों का कहना है कि यह किसी पुरानी नाव की सजावट या किसी कला-प्रदर्शनी की मूर्ति हो सकती है, जो समुद्र में बहते हुए किनारे तक पहुंच गई। वहीं कुछ यूजर्स ने इसे एलियन और जलपरी के मिलन जैसा बताया।

एक यूजर ने ट्वीट किया, “अगर यह मजाक भी है, तो काफी क्रिएटिव है। पर अगर असली है, तो हमें जलपरी के अस्तित्व पर फिर से विचार करना चाहिए।

क्या यह 'फीजी जलपरी' जैसी कोई कला थी?

इतिहास में ऐसी कई घटनाएं दर्ज हैं, जब लोगों ने जलपरी जैसी आकृतियों के दर्शन का दावा किया। 19वीं सदी में ‘Feejee Mermaid’ नामक एक प्रसिद्ध किस्सा सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि एक जलपरी की कंकाल दुनिया के सामने लाई गई है।

हालांकि बाद में पता चला कि वो 'जलपरी' असल में मछली और बंदर की हड्डियों को जोड़कर बनाई गई एक नकली आकृति थी, जिसे पेपर माचे और लकड़ी से सजाया गया था। यह ढांचा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भी एक अध्ययन का विषय बना था।

कई लोगों का मानना है कि केंट के समुद्र तट पर मिली आकृति उसी शैली की कोई नकल हो सकती है, जिसे किसी कलाकार ने बनाया हो और वह गलती से बहकर वहां तक पहुंच गई हो।

पहली बार नहीं, पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे रहस्य

यह पहली बार नहीं है जब किसी रहस्यमयी समुद्री जीव ने लोगों को चौंकाया हो। पिछले साल ब्रिटेन के एक समुद्र तट पर जॉगिंग करते लोगों ने एक बच्चे के आकार का खून चूसने वाला समुद्री जीव देखा था। वह भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था और उसकी तुलना हॉलीवुड फिल्म ‘Dune’ के रेत के कीड़ों से की गई थी।

समुद्रों में जीवन का संसार बहुत गहराई और रहस्य लिए हुए है। वैज्ञानिक मानते हैं कि धरती के महासागरों का लगभग 80% हिस्सा अब भी अनछुआ और अनजाना है। ऐसे में कुछ भी असंभव नहीं कहा जा सकता।

क्या वाकई होता है जलपरी का अस्तित्व?

जलपरी की कहानियां हजारों वर्षों से किंवदंतियों, लोकगीतों और पौराणिक कथाओं में मिलती रही हैं। ग्रीक, भारतीय, जापानी, अफ्रीकी और यूरोपीय संस्कृतियों में जलपरी का जिक्र किसी न किसी रूप में मिलता है। आम तौर पर जलपरी को आधा मनुष्य और आधी मछली के रूप में दर्शाया गया है।

हालांकि, अब तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है जो जलपरियों के वास्तविक अस्तित्व की पुष्टि करता हो। लेकिन समय-समय पर इस तरह की घटनाएं और दृश्य लोगों की जिज्ञासा को जीवित रखते हैं।

निष्कर्ष: रहस्य और कल्पना के बीच उलझी इंसानियत

केंट के तट पर मिली रहस्यमयी आकृति जलपरी थी या सिर्फ एक कलात्मक कृति – यह बात अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से दुनिया भर के लोगों को रोमांचित कर दिया है और जलपरियों के अस्तित्व पर चर्चा छेड़ दी है।

कहानी चाहे जो भी हो, यह स्पष्ट है कि इंसान की कल्पनाशीलता, रहस्यों के प्रति आकर्षण और अनसुलझी चीजों को समझने की ललक कभी खत्म नहीं होगी। और शायद यही वो बात है, जो हमें विज्ञान, कला और सोच के नए क्षितिजों तक पहुंचाती है।

क्या आप मानते हैं कि जलपरियां वाकई अस्तित्व में रही होंगी?

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