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ऐसी खतरनाक महिला जिसने पति की मौत के बाद पार कर दी थी बर्बरता की सभी हदें, 100 ज्यादा लोगों को...

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अक्सर महिलाओं को दयालु, संवेदनशील और नरम स्वभाव वाला माना जाता है। लेकिन इतिहास की पन्नों में कुछ ऐसी महिलाएं भी दर्ज हैं, जिन्होंने अपनी बेरहमी और क्रूरता से दुनिया को हिलाकर रख दिया। ऐसी ही एक भयानक नाम है दरिया निकोलायेवना साल्टीकोवा का, जिनके काले कारनामों ने सदियों तक लोगों के दिलों में भय और घृणा का भाव जगाया। रूस की यह अमीर विधवा और अधेड़ उम्र की महिला, जिसे आज भी दुनिया की सबसे खतरनाक महिला सीरियल किलर के रूप में याद किया जाता है, सौ से अधिक लोगों की हत्या के दोषी थी।

दरिया साल्टीकोवा का प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक स्थिति

दरिया निकोलायेवना साल्टीकोवा का जन्म 1730 में रूस के एक अमीर परिवार में हुआ था। उनकी जिंदगी की शुरुआत सामान्य और शांतिपूर्ण थी। 1755 में केवल 25 वर्ष की उम्र में उनकी शादी हुई, लेकिन शादी के कुछ ही वर्षों बाद उनके पति का निधन हो गया। इस घटना ने दरिया की जिंदगी को पूरी तरह बदल कर रख दिया।

पति के मरने के बाद, साल्टीकोवा ने एक बड़ी संपत्ति और लगभग 600 नौकरों की जिम्मेदारी संभाली। वे मॉस्को की सबसे संपन्न और प्रभावशाली विधवाओं में से एक बन गईं। पहले जहाँ वे एक दयालु और धार्मिक महिला मानी जाती थीं, वहीं पति की मृत्यु के बाद उनमें एक खतरनाक बदलाव देखने को मिला।

अकेलेपन और प्रेम प्रसंग से उठता क्रूरता का सिलसिला

दरिया साल्टीकोवा के जीवन में बड़ा मोड़ तब आया जब वे अपने अकेलेपन को सहन नहीं कर पाईं। उनके जीवन में एक नया शख्स आया, जिससे उनका प्रेम संबंध हुआ। हालांकि, यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला क्योंकि साल्टीकोवा को पता चला कि उनका प्रेमी किसी और महिला से भी शादीशुदा था।

यह खुलासा उनके लिए एक बड़ा झटका था, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ गई। गुस्से में उन्होंने उस प्रेमी पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दरिया की क्रूरता का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था।

दासियों और गरीबों पर अत्याचार की शुरुआत

अपने क्रोध और मानसिक कष्ट को सहने में असमर्थ, दरिया ने अपनी नौकरानियों और गरीब लोगों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। उनकी क्रूरता की हदें इस कदर बढ़ गईं कि उन्होंने बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बूढ़ों तक को भी नहीं बख्शा।

साल्टीकोवा के अत्याचार की मिसाल यह थी कि वह अपने दास-गृह की महिलाओं को बेरहमी से पीटती, उनकी हड्डियाँ तोड़ देती, और कभी-कभी उनके शरीर पर खौलता हुआ पानी डालती। यदि वह इससे संतुष्ट नहीं होती, तो पीड़ितों को पीट-पीट कर मार डालती।

इतने समय तक उनके काले कृत्यों पर कुछ नहीं कहा गया, क्योंकि उनकी संपत्ति और उच्च सामाजिक स्थिति के कारण वे न्याय के दायरे से बाहर थीं।

सौ से अधिक हत्याओं का आरोप और सार्वजनिक विद्रोह

दरिया निकोलायेवना साल्टीकोवा पर सौ से अधिक हत्याओं का आरोप लगा। इन हत्याओं की गिनती और प्रमाण धीरे-धीरे सामने आने लगे, जब उनके अत्याचार सहन नहीं हुए और पीड़ित परिवारों ने मिलकर सरकार के सामने हंगामा किया।

उनके दासों और नौकरानियों के परिवारों ने एक साथ आकर दरबार में शिकायत दर्ज कराई, जिससे मामला रूस की महारानी कैथरीन द्वितीय तक पहुंचा। महारानी ने इस गंभीर आरोप की गहन जांच का आदेश दिया।

कैसे हुआ साल्टीकोवा का फैसला?

महारानी कैथरीन द्वितीय की सख्त पहल पर एक विस्तृत जांच हुई, जिसमें दरिया साल्टीकोवा के अपराध प्रमाणित हो गए। कई पीड़ितों की गवाही, गंभीर चोटों के फोटोग्राफ और संदिग्ध घटनाओं ने साबित किया कि साल्टीकोवा ने जान-बूझकर हजारों लोगों के जीवन को नष्ट कर दिया।

अंततः दरिया को दोषी करार दिया गया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। यह फैसला रूस के इतिहास में एक बड़ा उदाहरण था कि चाहे कोई कितना भी अमीर और शक्तिशाली क्यों न हो, कानून के सामने सभी बराबर हैं।

इतिहास में दरिया साल्टीकोवा की छवि

आज भी दरिया साल्टीकोवा को इतिहास में सबसे क्रूर महिला सीरियल किलर के रूप में याद किया जाता है। उनकी कहानी महिलाओं की संवेदनशीलता और दया की छवि को चुनौती देती है। यह बताती है कि मनुष्य की मानसिक स्थिति और जीवन की घटनाएं किस तरह किसी के व्यक्तित्व को पूरी तरह बदल सकती हैं।

उनकी बर्बरता और अत्याचार ने रूस के सामाजिक इतिहास में एक काला अध्याय जोड़ा, जो आज भी लोगों के दिलों में डर और चेतावनी के रूप में जिंदा है।

निष्कर्ष

दरिया निकोलायेवना साल्टीकोवा की कहानी इतिहास की उन भयावह कहानियों में से है जो हमें बताती हैं कि हिंसा और क्रूरता का कोई लिंग नहीं होता। यह भी याद रखने योग्य है कि मानसिक तनाव और अकेलापन अगर सही तरीके से संभाला न जाए तो इंसान अंधेरे रास्तों पर भी चल सकता है।

उनके काले कर्म और उसके बाद हुई सजा हमें न्याय और नैतिकता की महत्ता की सीख देते हैं।

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