
दुनिया भर में कुछ स्थान ऐसे होते हैं जो अपनी अनोखी विशेषताओं के कारण लोगों के ध्यान का केंद्र बन जाते हैं। आपने शायद कई अजीबो-गरीब नियमों और कानूनों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी जगह पर मरने पर प्रतिबंध लगाया गया हो? अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां मरने पर प्रतिबंध है। यह शहर है नार्वे का लॉन्गइयरबेन (Longyearbyen)।
लॉन्गइयरबेन: एक अजीब सी जगह
लॉन्गइयरबेन, नार्वे का एक छोटा सा शहर है, जो स्पिट्सबर्गेन आर्कटिक द्वीप पर स्थित है। इस शहर में 2000 से भी कम लोग रहते हैं और यह दुनिया के सबसे उत्तरी शहरों में से एक है। लेकिन जो इसे और भी अनोखा बनाता है, वह है यहाँ के नागरिकों के लिए मरने पर प्रतिबंध का नियम।
मरने पर प्रतिबंध क्यों?
लॉन्गइयरबेन में मरने पर प्रतिबंध लगाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यहाँ का ठंडा और कठोर मौसम है। इस शहर में बहुत कम तापमान रहता है, और सर्दियों में तो यह तापमान -30 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। ऐसी स्थिति में, किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसे दफनाने में कई समस्याएँ आती हैं।
शहर में सिर्फ एक ही कब्रिस्तान है, और वहाँ भी मृत शरीरों को दफनाने की अनुमति नहीं दी जाती। इसका कारण यह है कि इस इलाके की ठंडी परिस्थितियों में मृत शरीर मिट्टी में नहीं सड़ते और वे जैसी के तैसी स्थिति में रहते हैं। साल 1950 के आसपास यहाँ के निवासियों ने देखा कि जो शव पहले दफनाए गए थे, वे अभी तक जस के तस पड़े हुए थे, बिना किसी सड़न के। यह स्थिति इतने लंबे समय तक बनी रही कि यहाँ दफनाने का काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
शवों का संरक्षण: एक खतरनाक पहलू
यहाँ का मौसम इतना सख्त है कि शरीर सड़ने के बजाय संरक्षित रहते हैं। इस इलाके में शवों का प्राकृतिक रूप से संरक्षित हो जाना एक खतरनाक समस्या बन गई थी, क्योंकि यह किसी बीमारी या महामारी के फैलने का कारण बन सकता था। विशेषकर तब जब किसी व्यक्ति की मौत संक्रामक बीमारी के कारण होती थी। ऐसी स्थिति में शवों का तात्कालिक रूप से दफनाना जरूरी था ताकि कोई स्वास्थ्य संकट न पैदा हो।
दूसरी जगह ले जाना: एक समझदारी
इस समस्या का हल यह निकाला गया कि जब भी कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार होता है और उसकी मौत की संभावना हो, तो उसे लॉन्गइयरबेन से बाहर भेज दिया जाता है। उसे अन्य शहरों या स्थानों में भेजा जाता है, ताकि उसके शव को वहाँ दफनाया जा सके। इस तरह, शहर में मरने से बचने के लिए लोग अपनी आखिरी यात्रा को दूसरे स्थानों पर करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
निष्कर्ष
लॉन्गइयरबेन का यह नियम आज भी कई लोगों के लिए हैरान कर देने वाला है। एक ओर जहां बाकी दुनिया में लोग अपनी ज़िन्दगी के अंत के बाद धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार दफनाए जाते हैं, वहीं इस शहर में मरने की प्रक्रिया को सीमित और नियंत्रित किया जाता है। यहाँ की कठोर परिस्थितियाँ और प्राकृतिक कारणों के चलते इस अनोखे नियम का पालन किया जाता है।