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ये है दुनिया की सबसे रहस्यमयी नदी, जिसमें हमेशा बहता है गर्म पानी, कोई नहीं जान पाया इसका राज !

ये है दुनिया की सबसे रहस्यमयी नदी, जिसमें हमेशा बहता है गर्म पानी, कोई नहीं जान पाया इसका राज !

दुनिया में कई ऐसी रहस्यमयी चीजें हैं जिनके बारे में आज तक इंसान नहीं जान पाया है। आज हम आपको एक ऐसे रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो नदी से जुड़ा है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं शनय तिम्पिश्का नदी की। जो किसी रहस्य से कम नहीं है। इतना ही नहीं इस नदी के बारे में आज भी बहुत कम लोग जानते हैं। वैसे तो आप किसी भी नदी के किनारे आराम से बैठ सकते हैं लेकिन शनय तिम्पिश्का नदी के किनारे बैठने के लिए आपको बहुत हिम्मत की जरूरत होगी क्योंकि यह नदी हमेशा खौलते पानी के साथ बहती है। यदि कोई गलती से भी इसमें प्रवेश कर जाए तो उसकी मृत्यु निश्चित है।

शनय तिम्पिश्का नदी कहाँ बहती है?
आपको बता दें कि शनय तिम्पिश्का नदी दक्षिण अमेरिका के पेरू देश में बहती है। यह नदी पेरू के जंगलों में एक रहस्यमयी नदी है, जिसका पानी हमेशा उबलता रहता है, जो किसी की भी जान ले सकता है। इस नदी के पानी का तापमान हमेशा 50 से 90 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि नदी का पानी हर जगह इतना गर्म नहीं होता है, लेकिन कुछ जगहों पर तो यह 100 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर जाता है। यह पानी इतना गर्म होता है कि आप आसानी से खाना बना सकते हैं।

25 मीटर चौड़ी और 6 मीटर गहरी है यह रहस्यमयी नदी

आपको बता दें कि यह रहस्यमयी नदी करीब 25 मीटर चौड़ी और करीब 6 मीटर गहरी है। नदी के बहुत गर्म पानी के कारण इसके चारों ओर उठने वाली गर्म भाप के कारण कई छोटे बड़े जानवर भी इस नदी में गिरकर मर जाते हैं। इस नदी का खौलता पानी इतना गर्म है कि अगर कोई व्यक्ति इसमें एक सेकेंड से भी कम समय के लिए हाथ डाले तो उसे गहरे घाव हो सकते हैं।

1930 से पहले लोग इस नदी के बारे में नहीं जानते थे।

साल 1930 से पहले इस नदी के बारे में कोई नहीं जानता था। क्योंकि नदी में इतने गर्म पानी की कल्पना ज्वालामुखी के आसपास ही की जा सकती है। नदी से लगभग 400 मील की दूरी पर 'अमेज़ॅन बेसिन' नामक एक सक्रिय ज्वालामुखी नदी के गर्म पानी के लिए जिम्मेदार है। दूर होने के कारण यह इस नदी के पानी को गर्म नहीं कर सकता।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक

वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि नदी के नीचे गहरे किसी बिंदु पर बहुत बड़ा भूकंप आया होगा, जिससे नदी के नीचे एक बड़ी दरार बन गई होगी। इसी दरार के माध्यम से भूमिगत गर्म लावा लगातार नदी के संपर्क में आता है, जिससे नदी का पानी हमेशा उबलता रहता है। वहीं, यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी को 'शनय तिम्पिष्का' कहने के पीछे एक खास मकसद है। क्योंकि शनय तिम्पिश्का का अर्थ है 'सूर्य की गर्मी से उबलती नदी'। इस नदी की आधिकारिक पुष्टि वर्ष 2011 में हुई थी।

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