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दुनिया में कई ऐसी ऊंची-ऊंची इमारतें हैं, जहां से नजारा बेहद खूबसूरत तो है, लेकिन खतरा भी कम नहीं है। लेकिन क्या आप दुनिया की सबसे पतली इमारत के बारे में जानते हैं? एक इमारत, जो हवा के तेज झोंके से भी हिलने लगती है। अमेरिका के मैनहट्टन में एक ऐसी इमारत है, सोचिए अगर आप इस इमारत के ऊपर खड़े हो जाएं तो आपका क्या होगा?
84 मंजिलों की ऊंचाई वाली इस इमारत का आस्पेक्ट रेशियो 24:1 है। इसे दुनिया की सबसे पतली इमारत कहा जा रहा है, जिसका नाम स्टाइनवे टावर है। यह इमारत इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो इतनी कम जगह को रहने लायक जगह दे सकती है। वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और सेंट्रल पार्क टॉवर के बाद यह अमेरिका की तीसरी सबसे ऊंची इमारत है, और दुनिया की ऐसी ऊंची इमारतों में सबसे पतली भी है।
बिल्डिंग की इंजीनियरिंग लाजवाब है
स्टेनवे टावर नामक 1428 फुट ऊंची इमारत मात्र 60 फुट चौड़ी है जो अपने आप में एक अजूबा है। स्टाइनवे टॉवर वास्तुकला की दृष्टि से एक आश्चर्यजनक इमारत है। गार्जियन अखबार ने इसकी तुलना कॉफी स्टिरर से की है। इमारत दुनिया की सबसे मजबूत कंक्रीट से बनी है। 2015 में, इंजीनियर रोवन विलियम्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि 100 मील प्रति घंटे की हवा में 1,000 फुट लंबा टॉवर गिर सकता है। मजे की बात यह है कि इसके अंदर रहने वालों को इसके बारे में पता नहीं होगा।
हिलती बिल्डिंग में सिर्फ अमीर ही रह सकते हैं
1970 के दशक में हांगकांग में पतली और ऊंची इमारतों का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन अब संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी बनाया जा रहा है। ऐसी इमारतों में रहने वाले लोगों से पूरे शहर का नजारा तो अच्छा होता है, लेकिन ये खतरनाक भी हो सकते हैं। इमारत में एक स्टूडियो अपार्टमेंट की कीमत भी 7.75 मिलियन डॉलर है, जबकि एक पेंटहाउस की कीमत 66 मिलियन डॉलर है। यहां रहने वाले लोगों को न केवल दिल का मजबूत होना चाहिए बल्कि धन का भी धनी होना चाहिए।