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इस गांव में कभी रहते थे बौने, मगर आज हैं ऐसा हाल, जानिए इस अदभुत गांव के बारे में !

इस गांव में कभी रहते थे बौने, मगर आज हैं ऐसा हाल, जानिए इस अदभुत गांव के बारे में !

पूरी दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जिनके बारे में आज तक मनुष्य नहीं जान पाया है। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य से रूबरू कराने जा रहे हैं जो एक गांव से जुड़ा है। क्योंकि इस गांव में सिर्फ बौने रहते थे। यह अद्भुत गांव ईरान में मौजूद है। आपको बता दें कि इस गांव में अब बौने नहीं रहते, लेकिन सैकड़ों साल पहले यहां केवल बौने रहते थे।

डेढ़ सौ साल पहले मखुनिक गांव में रहते थे बौने

आपको बता दें कि करीब डेढ़ सौ साल पहले ईरान के मखुनिक गांव में सिर्फ बौने लोग रहते थे। यह गांव ईरान-अफगानिस्तान सीमा से करीब 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि ये बौने ईरानियों की वर्तमान औसत ऊंचाई से लगभग 50 सेंटीमीटर छोटे थे। 2005 में खुदाई के दौरान इस गांव से एक ममी मिली थी जिसकी लंबाई महज 25 सेंटीमीटर थी। इस ममी के मिलने के बाद जांच में पता चला कि इस गांव में बहुत कम कद के लोग रहते थे।

यह गांव सुदूर शुष्क क्षेत्र में स्थित है

जानकारों के मुताबिक गांव में मिली ममी किसी प्रीमैच्योर बच्चे की हो सकती है. जिनकी मृत्यु लगभग 400 वर्ष पूर्व हुई थी। उन्हें विश्वास नहीं होता कि इस गांव के लोग बौने होंगे। मखुनिक नाम का यह गांव ईरान का सुदूर शुष्क इलाका है। इस स्थान पर कुछ अनाज, शलजम, आलूबुखारा, खजूर और जौ की खेती की जाती थी। यहां रहने वाले लोग पूरी तरह से शाकाहारी थे। यहां रहने वाले लोगों को शरीर के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे थे। इससे यहां के लोगों का शारीरिक विकास पूरी तरह नहीं हो सका।

यह गांव बड़ी आबादी से कटा हुआ था

कहा जाता है कि मखुनिक गांव ईरान के घनी आबादी वाले इलाकों से पूरी तरह कट गया था। क्योंकि गांव तक जाने के लिए रास्ता नहीं था। 20वीं सदी के दौरान जब इस इलाके में सड़कें बनीं तो लोगों का यहां आना शुरू हो गया। उसके बाद लोगों को इस गांव के बारे में पता चला और उन्होंने शहरों में काम करना शुरू कर दिया। यहां के लोग काम के बदले चावल और चिकन अपने गांव लाते थे। जिसके बाद यहां के लोगों के खाने-पीने में बदलाव शुरू हो गया। जिससे गांव के करीब 700 लोगों की लंबाई औसत हो गई।

गांव में आज भी है पुराना घर

इस गांव में आज भी कई पुराने घर हैं। जिससे पता चलता है कि यहां के लोगों की हाइट काफी कम थी। मखुनिक गांव में करीब दो सौ घर हैं, जिनमें से 70 से 80 घर बेहद कम ऊंचाई के हैं। ये घर महज डेढ़ से दो मीटर ऊंचे हैं। 1 मीटर 4 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर बनी छत को देखने से पता चलता है कि यहां केवल बौने लोग ही रहते थे।

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