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ट्रेवल न्यूज़ डेस्क !!! मुंशियारी पिथोरागढ़ का एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जहां देश भर से पर्यटक यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखने आते हैं। पर्यटक यहां आराम से अपनी छुट्टियां बिता सकते हैं। मुनस्यारी हिमालय की गोद में स्थित है और यहां से पंचचूली पर्वत का मनोरम दृश्य हमेशा देखा जा सकता है। मुनस्यारी में ही ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध खलिया टॉप है, जहां से विभिन्न हिमालय पर्वत श्रृंखलाएं देखी जा सकती हैं।
मिलम ग्लेशियर मुनस्यारी में ही है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम हलद्वानी है, जहां से टैक्सी द्वारा मुंशियारी आसानी से पहुंचा जा सकता है। जिसकी दूरी 280 किलोमीटर है.
उत्तराखंड की अद्भुत जगहों में से एक है बिर्थी फॉल, जो उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्ध झरना है। 140 मीटर की ऊंचाई वाले इस झरने पर जिसकी भी नजर पड़ती है तो वह खुद को रोक नहीं पाता। बिर्थी फॉल पिथोरागढ़ का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो पिथोरागढ़ मुख्यालय से मुनस्यारी के रास्ते पर 90 किमी दूर है। मुनस्यारी जाते समय पर्यटक इस झरने को देखने के लिए यहां जरूर रुकते हैं और यही कारण है कि आज यह झरना पूरे देश में लोकप्रिय हो गया है।
चौकोड़ी उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, इसकी शांत पहाड़ियाँ और हिमालय के सुंदर दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। पिथौरागढ़ से चौकोड़ी की दूरी 82 किलोमीटर है। सर्दियों में भी पर्यटक यहां बर्फबारी का आनंद लेने आते हैं। यहां से नंदा देवी, नंदाकोट और पंचाचूली हिमालय पर्वत का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। एक शांत छुट्टी के लिए चौकोड़ी
खलिया टॉप ट्रैकिंग के लिए काफी मशहूर है, जहां पहुंचने के बाद हिमालय की चोटियां साफ तौर पर देखी जा सकती हैं। जो प्रकृति प्रेमियों को काफी पसंद आ रहा है. खलिया टॉप मुनस्यारी का प्रसिद्ध बुग्याल है। यहां पहुंचने के लिए 9 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। इसकी ऊंचाई लगभग 3200 मीटर है। यहां से ट्रैकिंग करके जीरो प्वाइंट तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। खलिया टॉप में कैम्पिंग और रिज़ॉर्ट सेवाएँ भी आसानी से उपलब्ध हैं। मुनस्यारी आने वाले पर्यटक खलिया टॉप जरूर देखने आते हैं।
नंदा देवी मंदिर मुनस्यारी से 3 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 7,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। नंदा देवी यहां एक प्राचीन मंदिर है, जिसका प्रमाण धार्मिक ग्रंथों और उपनिषदों में मिलता है। नंदा माँ को पूरे हिमालय में शक्ति के रूप में पूजा जाता है। मुनस्यारी में हर वर्ष भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी और नंदाष्टमी के दिन भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर से हिमालय का अद्भुत दृश्य मन मोह लेने वाला है। यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ अध्यात्म का भी केंद्र है।