शहर की भागदौड़ से हो चुके हैं परेशान तो आप भी जरूर करें ओडिशा की इन जगहों की सैर, प्राकृतिक नजारें देख नहीं करेगा वापस आने का मन

ट्रेवल न्यूज़ डेक !!! ओडिशा, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य, जिसे प्राचीन काल में कलिंग के नाम से जाना जाता था, पर मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था। जितना इस राज्य का इतिहास महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण उड़ीसा पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण राज्य है। यह खूबसूरत राज्य समुद्र तट पर स्थित है, जहां प्राचीन और विशाल धार्मिक स्थल हैं। इसके अलावा यहां कई लोकप्रिय दार्शनिक स्थल हैं। ओडिशा को भारत का खजाना कहा जाता है।
जगन्नाथ पुरी मंदिर से लेकर कोणार्क के सूर्य मंदिर तक यहां कई प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल हैं। अगर आप ओडिशा की यात्रा पर जा रहे हैं और आपके पास यात्रा के लिए कम समय है तो अपनी यात्रा की योजना पहले ही बना लें।
शुरुआत भुवनेश्वर से
आप अपनी यात्रा की शुरुआत ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से कर सकते हैं। यहां राज्य के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल हैं। भुवनेश्वर हवाईअड्डे या रेलवे स्टेशन पहुंचकर यहां धौली हिल्स, उदयगिरि और खंडगिरि गुफाओं का दौरा किया जा सकता है। भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर के दर्शन करें। इसके अलावा आप यहां नंदन कान्हा जियोलॉजिकल पार्क भी घूम सकते हैं।
भुवनेश्वर से पुरी
भुवनेश्वर से पुरी की दूरी लगभग 62 किलोमीटर है। डेढ़ घंटे का सफर तय करके यहां पहुंचा जा सकता है। पुरी खूबसूरत मंदिरों के लिए मशहूर है। जगन्नाथ मंदिर यहां के चार धामों में से एक है। जगन्नाथ मंदिर के दर्शन के बाद आप पुरी बीच, चिल्का झील और गुंडिचा घर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
पुरी से कोणार्क
लगभग एक घंटे की यात्रा के बाद 33 किमी दूर कोणार्क के लिए प्रस्थान किया जा सकता है। भारत के सात अजूबों में से एक कोणार्क सूर्य मंदिर कोणार्क में ही बना हुआ है। इस मंदिर की नक्काशी देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। आप यहां चंद्रभागा बीच पर भी जा सकते हैं।
ओडिशा के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
- यदि आपके पास समय है, तो आप ओडिशा के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। यहां ओडिशा के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की सूची दी गई है।
- उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएँ
- भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान
- जनजातीय संग्रहालय भुवनेश्वर
- भुवनेश्वसर धौली गिरी
- सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान
- चिल्का झील
- नंदन कान्हा चिड़ियाघर
- जगन्नाथ पुरी मंदिर
- कोणार्क सूर्य मंदिर
- लिंगराज मंदिर
- हीराकुंड बांध