
पूरे राजस्थान में अक्टूबर से मार्च तक बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं और यह समय यहां का पर्यटन सीजन माना जाता है। लेकिन, दक्षिणी राजस्थान की असली सुंदरता मानसून में दिखाई देती है। अरावली की हरी-भरी घाटियाँ और बहते झरनों का दृश्य मन को मोह लेने वाला है। दक्षिण राजस्थान के प्रमुख शहर उदयपुर में कई पर्यटन स्थल हैं। लेकिन, मानसून इस जगह की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है। यहां की झीलें और झरने मानसून की शुरुआत के साथ ही बहने लगते हैं। इस समय इनकी सुन्दर छटा अपने चरम पर होती है। वहीं मदार छोटा तालाब करीब ढाई फीट खाली है.
इन दोनों तालाबों के ओवरफ्लो होते ही फतह सागर में पानी की आवक बढ़ जाएगी। फिलहाल यह थूर की पाल से फतहसागर में प्रवेश कर रहा है। मदार नहर से प्रवेश के बाद फतहसागर के जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी हुई है। सीसारमा नदी से आ रहे पानी से पिछोला का जलस्तर भी बढ़ गया है. फतहसागर का गेज आठ फीट के करीब है, जबकि पिछोला का गेज 9 फीट से ऊपर पहुंच गया है। राजसमंद में बाघेरी बांध और नंदसमंद बांध चल रहे हैं। राजसमंद झील का जलस्तर भी बढ़ रहा है.
दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने रफ्तार पकड़ ली है. मंगलवार से सीसारमा नदी से पिछोला में पानी की आवक शुरू हो गई है। कैचमेंट में बारिश के चलते मंगलवार को सीसारमा नदी में पानी की आवक शुरू हो गई। सीसारमा नदी में चार फीट बहाव के साथ पिछोला झील में पानी की आवक शुरू हो गई है। उदयपुर शहर में भी मध्यम बारिश का दौर चला. बारिश के कारण तापमान में कमी आने से गर्मी का असर भी कम हो गया है. आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद है. मानसून इस समय जोधपुर, सीकर की उत्तरी सीमा से होकर गुजर रहा है। अगले दो-तीन दिनों में राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।
ट्रेवल न्यूज़ डेस्क !!! पूरे राजस्थान में अक्टूबर से मार्च तक बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं और यह समय यहां का पर्यटन सीजन माना जाता है। लेकिन, दक्षिणी राजस्थान की असली सुंदरता मानसून में दिखाई देती है। अरावली की हरी-भरी घाटियाँ और बहते झरनों का दृश्य मन को मोह लेने वाला है। दक्षिण राजस्थान के प्रमुख शहर उदयपुर में कई पर्यटन स्थल हैं। लेकिन, मानसून इस जगह की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है। यहां की झीलें और झरने मानसून की शुरुआत के साथ ही बहने लगते हैं। इस समय इनकी सुन्दर छटा अपने चरम पर होती है। वहीं मदार छोटा तालाब करीब ढाई फीट खाली है.
इन दोनों तालाबों के ओवरफ्लो होते ही फतह सागर में पानी की आवक बढ़ जाएगी। फिलहाल यह थूर की पाल से फतहसागर में प्रवेश कर रहा है। मदार नहर से प्रवेश के बाद फतहसागर के जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी हुई है। सीसारमा नदी से आ रहे पानी से पिछोला का जलस्तर भी बढ़ गया है. फतहसागर का गेज आठ फीट के करीब है, जबकि पिछोला का गेज 9 फीट से ऊपर पहुंच गया है। राजसमंद में बाघेरी बांध और नंदसमंद बांध चल रहे हैं। राजसमंद झील का जलस्तर भी बढ़ रहा है.
दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने रफ्तार पकड़ ली है. मंगलवार से सीसारमा नदी से पिछोला में पानी की आवक शुरू हो गई है। कैचमेंट में बारिश के चलते मंगलवार को सीसारमा नदी में पानी की आवक शुरू हो गई। सीसारमा नदी में चार फीट बहाव के साथ पिछोला झील में पानी की आवक शुरू हो गई है। उदयपुर शहर में भी मध्यम बारिश का दौर चला. बारिश के कारण तापमान में कमी आने से गर्मी का असर भी कम हो गया है. आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद है. मानसून इस समय जोधपुर, सीकर की उत्तरी सीमा से होकर गुजर रहा है। अगले दो-तीन दिनों में राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।