मानसून में परिवार के साथ घूमने का है प्लान, तो ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी
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ट्रेवल न्यूज़ डेस्क !!! स्विट्जरलैंड जाना हर भारतीय का सपना होता है। जो भी यहां आता है, उसकी यात्रा माउंट टिट्लिस के दर्शन के बिना अधूरी है। समुद्र से 3238 मीटर ऊपर इस बर्फ से ढके पहाड़ की खूबसूरत वादियों को देखने के लिए हर कोई वहां जाना चाहता है। खास बात यह है कि सर्दी के मौसम में यहां जाने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ जाती है, क्योंकि हर कोई बर्फ की सफेद चादर से ढकी वादियों को अपनी आंखों में कैद कर लेना चाहता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब जो भारतीय स्विटजरलैंड जाते हैं वे यश चोपड़ा का स्विटजरलैंड देखने जरूर जाते हैं। दरअसल, भारतीय यहां सिर्फ खूबसूरत बर्फीली महिलाओं को देखने नहीं जाते, बल्कि उनका मकसद राज और सिमरन यानी शाहरुख और काजोल के कटआउट देखना भी है। आपको बता दें कि टिट्लिस वैली में दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के ड्रेसअप में शाहरुख और काजोल के कटआउट का इस्तेमाल किया गया है। बॉलीवुड प्रेमी यहां राज और सिमरन के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं। इसके बाद वे टिट्लिस क्लिफ वॉक करते हैं और ग्लेशियर गुफा का दौरा करते हैं।
शाहरुख-काजोल के फ्रोजन अवतार से मिलने के लिए एंजेलबर्ग नाम के एक छोटे से गांव जाना होगा, जो सेंट्रल स्विट्जरलैंड में स्थित है। इसके लिए आपको ल्यूसर्न से ल्यूसर्न-एंगेलबर्ग एक्सप्रेस पकड़नी होगी, जो आपको सिर्फ 45 मिनट में इस खूबसूरत गांव तक पहुंचा देती है। आपको बता दें कि इस गांव में कई लग्जरी होटल हैं, जहां आपको रहने के लिए आरामदायक जगह मिल सकती है।
टिट्लिस घाटी के खूबसूरत नजारों का आनंद लेने के लिए आप केबल कार का भी सहारा ले सकते हैं। वास्तव में, एक केबल कार सेवा है जो मैदानी इलाकों में उच्चतम बिंदुओं तक पहुंचने के लिए पूरे दिन चलती है। हालाँकि, तेज़ हवाएँ या बर्फबारी होने पर केबल कार सेवा निलंबित कर दी जाती है।
आपको बता दें कि एंगेलबर्ग के शानदार टूरिस्ट पॉइंट्स में 12वीं सदी में बना एक मठ भी है। 1120 ईस्वी से एंगेलबर्ग में एक बेनेडिक्टिन मठ मौजूद है। सेंट बेनेडिक्ट को मानने वाले भिक्षुओं का एक समुदाय अभी भी यहां रहता है। यह स्विट्जरलैंड का सबसे बड़ा मठ चर्च है। इस मठ ने गांव का नाम एंजेलबर्ग रखा, जिसका अर्थ है स्वर्गदूतों की आवाज। इसका नजारा भी बेहद शानदार है.