भारत-पाक के बीच बंटा है ये गांव, चारों तरफ हरियाली, बहती नदी…खूबसूरत नजारे कमाल

भारत की प्राकृतिक खूबसूरती के विदेशी पर्यटक भी कायल हैं और कश्मीर की प्राकृतिक खूबसूरती को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मौसम कोई भी हो, कश्मीर हमेशा खूबसूरत दिखता है, जो भी यहां आता है, बस यहीं का होकर रह जाता है। कश्मीर में गुलमर्ग, सोनमर्ग जैसी जगहों के बारे में आपने खूब सुना होगा, लेकिन यहां एक ऐसा गांव है जो भारत और पाकिस्तान के बीच आधा-आधा बंटा हुआ है। यह जगह है केरन घाटी। जहां आपको घास से ढके मैदान ऐसे दिखेंगे जैसे किसी ने कालीन बिछा दी हो, हरे-भरे पहाड़ और दूसरी तरफ बहती नदी। प्रकृति ने यहां अपनी खूबसूरत बाहें फैलाई हैं।
जम्मू-कश्मीर में स्थित केरन घाटी लोसे के करीब एक खूबसूरत गांव है। बंटवारे के बाद यह गांव दो देशों में बंट गया और एक हिस्सा पाकिस्तान और दूसरा हिस्सा भारत बन गया। दोनों गांवों में पर्यटन भी बढ़ गया है। पर्यटक यहां न सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती के बीच समय बिताने आते हैं, बल्कि नियंत्रण रेखा को करीब से देखने के लिए भी इस गांव में आते हैं। तो आइए जानते हैं केरन घाटी के बारे में विस्तार से, आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं और क्या खास है इसकी खासियत।
केरन घाटी में स्थित गांवों के बीच एक खूबसूरत नदी बहती है, जिसे भारत में किशनगंगा और पाकिस्तान में नीलम नदी के नाम से जाना जाता है. जहां शानदार नजारा देखने को मिलता है. लोग नदी के उस पार खड़े होकर सलामी देते हैं. इस घाटी में प्राकृतिक सुंदरता, शांति, रोमांच और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है. इस घाटी की खूबसूरती हर मौसम में अलग आयाम पर पहुंच जाती है. एक तरह से कहा जा सकता है कि यह कश्मीर में छिपा एक अनमोल रत्न है. अगर आप कश्मीर जाएं तो एक बार यहां जरूर जाएं.
केरन में ठहरने की क्या सुविधा है? अगर आप केरन वैली आएं तो अगर आपको रुकने के लिए होटल नहीं भी मिले तो भी आप यहां बहुत ही किफायती दामों पर रुक सकते हैं। यहां लोगों के घर में रुकने की व्यवस्था है, जिसके लिए आपको कुछ पैसे देने होंगे और आपको यहां की संस्कृति भी बेहतरीन तरीके से जानने को मिलेगी। इसके अलावा आप यहां टेंट में भी रुक सकते हैं, जहां आपको कैंपिंग का रोमांच महसूस होगा। केरन वैली में खाने-पीने से लेकर रोजमर्रा की चीजों तक की दुकानें हैं।
कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर है और यहां से केरन वैली की दूरी करीब 120 किलोमीटर होगी, यानी यहां पहुंचने में आपको 4 से 5 घंटे लग सकते हैं। कुपवाड़ा के मुख्य शहर से इसकी दूरी करीब 50 किलोमीटर है। यहां पहुंचने के लिए आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप टैक्सी ले सकते हैं और अपने वाहन से भी जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपके पास ड्राइविंग स्किल अच्छी होनी चाहिए। आप कुपवाड़ा के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन सोपोर तक ट्रेन से जा सकते हैं और यहां से आपको केरन वैली तक करीब 80 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। केरन घाटी के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट की बात करें तो श्रीनगर पहुंचकर यहां से टैक्सी ली जा सकती है। प्रशासन की अनुमति जरूरी केरन घाटी या गांव में जाने के लिए आपको अनुमति की जरूरत होती है। हालांकि, अब यह इतना मुश्किल नहीं है। आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या फिर ऑफलाइन भी अनुमति ले सकते हैं। इसके लिए आपको आधार कार्ड की मूल कॉपी और फोटो कॉपी की जरूरत होती है। कुपवाड़ा डिप्टी कमिश्नर ऑफिस या क्रालपोरा पुलिस स्टेशन से कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आप केरन घाटी जा सकते हैं।