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आप भगवान गणेश के दर्शन ऐसे मंदिर में कर सकते हैं जहां गणेश जी की मूर्ति का आकार लगातार बढ़ रहा हो। यह चमत्कारी गणेश मंदिर दक्षिण भारत में स्थित है और देश के कोने-कोने से भक्त यहां आते.....
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ट्रेवल न्यूज़ डेस्क !!! आप भगवान गणेश के दर्शन ऐसे मंदिर में कर सकते हैं जहां गणेश जी की मूर्ति का आकार लगातार बढ़ रहा हो। यह चमत्कारी गणेश मंदिर दक्षिण भारत में स्थित है और देश के कोने-कोने से भक्त यहां आते हैं। आइए जानते हैं दक्षिण भारत में स्थित इस चमत्कारी गणेश मंदिर के बारे में।

इस गणेश मंदिर का नाम क्या है?

यह चमत्कारी गणेश मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में है। मंदिर का नाम कनिपकम मंदिर है। इस मंदिर को जल देवता का मंदिर भी कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां गणेश जी की मूर्ति का आकार धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इस मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन और पूजन के लिए आते हैं।

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यह गणेश मंदिर 11वीं शताब्दी का है

यह गणेश मंदिर बहुत पुराना है। यह मंदिर बहुदा नदी के बीच में बना हुआ है। इस मंदिर का जल पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह पानी कई बीमारियों को ठीक कर सकता है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में राजा कुलोथुंगा चोल प्रथम ने करवाया था। फिर 1336 में विजयनगर राजवंश के एक राजा ने मंदिर का विस्तार कराया। गणेश चतुर्थी से यहां ब्रह्मोत्सव शुरू हो जाता है। इस मंदिर में यह उत्सव 20 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान यहां रथयात्रा निकाली जाती है। लोककथा है कि बहुत समय पहले यहां तीन भाई रहते थे। उनमें से एक अंधा था, दूसरा गूँगा था और तीसरा बहरा था। जब तीनों अपनी खेती के लिए कुआं खोद रहे थे तो उन्हें एक पत्थर दिखा। कुआं और गहरा खोदने के लिए जैसे ही पत्थर हटाया गया तो वहां से खून की धारा बहने लगी। जिससे कुआं भर गया। कहा जाता है कि तभी वहां भगवान गणेश की स्वयंभू मूर्ति प्रकट हुई। उनके दर्शन से तीन भाई ठीक हो गये। तभी से यहां एक मंदिर बनाया गया। यह मंदिर तिरूपति बस स्टेशन से सिर्फ 72 किमी दूर है। इस मंदिर के पास ही तिरूपति रेलवे स्टेशन है और यह मंदिर से केवल 70 किमी दूर है। निकटतम हवाई अड्डा तिरूपति हवाई अड्डा है जहां से मंदिर लगभग 86 किमी दूर है।
 

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