
चैल हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित एक खूबसूरत और शांत हिल स्टेशन है, जो अपने घने देवदार और चीड़ के जंगलों, ठंडी जलवायु और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है। यह जगह भीड़-भाड़ से दूर एक सुकून भरा एहसास देती है, इसलिए यह खास तौर पर उन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है जो प्रकृति के बीच शांति चाहते हैं। चैल का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है।
इस जगह को पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने विकसित किया था। कहा जाता है कि जब उन्हें ब्रिटिश सरकार ने शिमला से निकाल दिया था, तो उन्होंने चैल को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया था। उन्होंने यहाँ एक खूबसूरत महल भी बनवाया था जिसे अब हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। चैल का सबसे बड़ा आकर्षण चैल क्रिकेट ग्राउंड है, जो दुनिया का सबसे ऊँचा क्रिकेट ग्राउंड है।
चैल क्रिकेट ग्राउंड का निर्माण वर्ष 1893 में हुआ था और यह करीब 2,444 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ग्राउंड अब भारतीय सेना के अधीन है और आम पर्यटक इसे सिर्फ बाहर से ही देख सकते हैं, लेकिन इसकी खूबसूरती और इतिहास इसे खास बनाते हैं। इसके अलावा चैल वन्यजीव अभयारण्य भी यहां का मुख्य आकर्षण है। यह इलाका वन्यजीवों की विविधता के लिए मशहूर है। यहां हिरण, जंगली सूअर, तेंदुआ और कई तरह के पक्षी देखे जा सकते हैं।
यह जगह ट्रैकिंग और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी परफेक्ट है। यहां चैल पैलेस भी देखने लायक है, जो राजसी वास्तुकला का खूबसूरत उदाहरण है। इसे बर्मा टीक की लकड़ी से बनाया गया था और इसके चारों ओर फैले खूबसूरत बगीचों और पहाड़ियों का नजारा बेहद आकर्षक है। चैल का मौसम साल भर सुहाना रहता है। गर्मियों में तापमान हल्का ठंडा रहता है और सर्दियों में बर्फबारी भी होती है, जो इसे और भी खूबसूरत बना देती है। इसलिए यह जगह हर मौसम में घूमने के लिए एकदम सही है।
चैल एक शांत, प्राकृतिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण जगह है जो पर्यटन के लिहाज से बेहद खास है। यह उन लोगों के लिए एक आदर्श जगह है जो प्रकृति, शांति और इतिहास को एक साथ अनुभव करना चाहते हैं। यहां की ताजी हवा, हरियाली और हिमालय का मनमोहक नजारा मन को आनंद और ताजगी से भर देता है। कुल मिलाकर चैल हिल स्टेशन एक ऐसी जगह है जहां मन को सुकून मिलता है और जो एक बार वहां जाता है उसे हमेशा के लिए याद रहता है।
चैल हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित एक शांत और खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो शिमला से करीब 44 किलोमीटर और सोलन से 45 किलोमीटर दूर है। यहां पहुंचने के लिए आप चंडीगढ़ से बस या टैक्सी ले सकते हैं, जो करीब 106 किलोमीटर दूर है। रेल द्वारा कालका रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी है। वहां से आप कंडाघाट के लिए ट्रेन ले सकते हैं और फिर सड़क मार्ग से चैल पहुंच सकते हैं। चैल की अपनी यात्रा के दौरान साधुपुल झील और काली का टिब्बा मंदिर जैसे दर्शनीय स्थलों का आनंद लेना न भूलें।