
अगर आप मानसून में किसी हिल स्टेशन पर जाना चाहते हैं जहां भीड़-भाड़ न हो, हरियाली भरपूर हो और नज़ारे इतने सुंदर हों कि कैमरा खुद-ब-खुद हाथ में आ जाए—तो कोटागिरी (Kotagiri) आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है। यह तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में समुद्र तल से लगभग 1,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और नीलगिरी हिल्स की तीसरी सबसे ऊंची चोटी पर बसा हुआ है।
यहां की खास बात यह है कि यह ऊटी और कुन्नूर जैसे फेमस टूरिस्ट स्पॉट्स से थोड़ा अलग-थलग है, जिससे यहां पर्यटकों की भीड़ कम रहती है और आप प्रकृति की खूबसूरती को शांति से महसूस कर सकते हैं।
कोटागिरी का मानसून में जादुई रूप
जुलाई और अगस्त के महीनों में कोटागिरी की सुंदरता चरम पर होती है। हल्की बारिश की फुहारें जब यहां की धरती को भिगोती हैं, तो चाय के हरे-भरे बागान, ऊंचे देवदार और यूकेलिप्टस के पेड़, बादलों से ढके पहाड़ और फैले हुए जंगल किसी जादुई दुनिया जैसे लगते हैं। मानसून में यहां के झरने फुल फ्लो में बहते हैं और हरियाली से ढके घाटियों के दृश्य बेहद मनमोहक होते हैं।
झरनों और ट्रेकिंग का आनंद
कोटागिरी आने वाले हर पर्यटक को यहां के झरनों और ट्रेकिंग ट्रेल्स का अनुभव जरूर लेना चाहिए।
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कैथरीन फॉल्स (Catherine Falls): यह झरना लगभग 250 फीट की ऊंचाई से गिरता है और इसका नजारा इतना आकर्षक होता है कि कैमरा बार-बार उठाना पड़ता है।
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एल्क फॉल्स (Elk Falls): यह झरना शांत वातावरण में स्थित है और यहां की ट्रेकिंग ट्रेल एडवेंचर लवर्स के लिए आदर्श है।
इसके अलावा आप कोटागिरी से रंगास्वामी पीक (Rangaswamy Peak) तक ट्रेकिंग कर सकते हैं। यहां से सनसेट और सनराइज दोनों ही देखने का अनुभव अविस्मरणीय होता है।
चाय बागानों का सुकून
नीलगिरी की पहाड़ियों पर स्थित चाय बागान कोटागिरी की आत्मा हैं। यहां के बागानों की सैर आपको मानसिक शांति देती है।
आप यहां न सिर्फ ताजगी से भरपूर चाय का स्वाद ले सकते हैं, बल्कि चाय की खेती और उत्पादन की प्रक्रिया को भी करीब से देख सकते हैं। यह अनुभव खासकर उन लोगों के लिए दिलचस्प होता है जो नेचर टूरिज्म और फार्मिंग में रुचि रखते हैं।
कम भीड़, ज्यादा सुकून
अगर आप उन ट्रैवलर्स में से हैं जो शांति, सुकून और प्रदूषण-मुक्त वातावरण की तलाश में रहते हैं, तो कोटागिरी आपके लिए एकदम फिट जगह है। यह हिल स्टेशन अपेक्षाकृत कम टूरिस्ट्स से भरा होता है, इसलिए आपको यहां ट्रैफिक, शोरगुल या भीड़ से जूझना नहीं पड़ेगा। आप यहां हर सांस में हरियाली और हर पल में सुकून महसूस करेंगे।
कैसे पहुंचे कोटागिरी?
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रेल से: नजदीकी रेलवे स्टेशन मेट्टुपालयम है, जो कोटागिरी से करीब 33 किमी दूर है। यहां से आप टैक्सी या लोकल बस ले सकते हैं।
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हवाई मार्ग से: नजदीकी एयरपोर्ट कोयंबटूर है, जो लगभग 70 किमी की दूरी पर स्थित है।
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सड़क मार्ग से: तमिलनाडु और कर्नाटक से कोटागिरी के लिए अच्छी सड़क सुविधा उपलब्ध है।
ऊटी और कुन्नूर से भी सीधी बसें कोटागिरी के लिए चलती हैं।