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इतिहास की चीजें जानने का रखते हैं शौक तो आप भी इस वीकेंड जरूर करें आजमगढ़ के प्रसिद्व ऐतिहासिक स्थल की सैर, मिलेगा अनोखा अनुभव

उत्तर प्रदेश का एक जिला है आज़मगढ़. इस जिले का इतिहास आपको देश की आजादी से जुड़ी कई घटनाओं की याद दिलाता है। आप 1857 की क्रांति.......
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ट्रेवल न्यूज़ डेस्क !!! उत्तर प्रदेश का एक जिला है आज़मगढ़. इस जिले का इतिहास आपको देश की आजादी से जुड़ी कई घटनाओं की याद दिलाता है। आप 1857 की क्रांति (1857 का भारतीय विद्रोह) के बारे में तो जानते ही होंगे। हालाँकि इस क्रांति से देश तो आज़ाद नहीं हुआ लेकिन आज़मगढ़ एकमात्र ऐसा जिला था जो 81 दिनों तक ब्रिटिश गुलामी से आज़ाद रहा।

हालाँकि, बाद में आज़मगढ़ पर कब्ज़ा कर लिया गया। लेकिन 81 दिनों की गुलामी से मुक्त होना उस समय बहुत बड़ी बात थी। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे, जो आज़मगढ़ के इतिहास को बखूबी दर्शाती हैं। यहां आप वीकेंड पर अपने परिवार के साथ घूमने जा सकते हैं।

क्या आपने कभी छत्तीस दरवाजों वाली कोई कब्र देखी है? अगर नहीं तो आपको यहां जरूर आना चाहिए। इसे राजा हरिवंश सिंह ने दौलत इब्राहिम खान के स्मारक के रूप में बनवाया था। यह कब्र मेहनगर में स्थित है। इसकी वास्तुकला को देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। यह उत्तर प्रदेश में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

इस स्थान का इतिहास पौराणिक काल से जुड़ा हुआ है। हिंदू पौराणिक कथाओं में दुर्वासा को भगवान शिव का रुद्र अवतार माना जाता है। आज़मगढ़ तीन ऋषियों दुर्वासा, दत्तात्रेय और चंद्रमा का घर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्री राम अपने वनवास के दौरान यहां आये थे। उन्होंने यहां एक शिवलिंग की स्थापना की। दुर्वासा धाम सबसे अधिक प्रसिद्ध है आज़मगढ़ में। यहां हर दिन भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है।

आज़मगढ़ किला खंडहर में देखा जा सकता है। लेकिन लोग यहां वीकेंड पर आते हैं. किले के आसपास आपको कई मंदिर भी मिलेंगे इसलिए अगर आप यहां जा रहे हैं तो मंदिर के दर्शन जरूर करें।


 

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