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 बाघ देखने के लिए बेस्ट हैं भारत की ये 5 जगहें, रोमांचक होता है यह अनुभव

भारत, जो अपने समृद्ध वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है, रॉयल बंगाल टाइगर्स का भी घर है। यह शानदार पशु न केवल भारत का राष्ट्रीय पशु है, बल्कि देश के जंगलों का गौरव भी है। बाघ को उसके प्राकृतिक आवास में देखने का अनुभव बहुत ही रोमांचक और अनोखा है..........
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भारत, जो अपने समृद्ध वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है, रॉयल बंगाल टाइगर्स का भी घर है। यह शानदार पशु न केवल भारत का राष्ट्रीय पशु है, बल्कि देश के जंगलों का गौरव भी है। बाघ को उसके प्राकृतिक आवास में देखने का अनुभव बहुत ही रोमांचक और अनोखा है। इसलिए, कई लोग अपने जीवन में एक बार बाघ देखने का अनुभव अवश्य लेना चाहते हैं। भारत में कई राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य हैं जहाँ आप बाघों को देख सकते हैं। यहां हम भारत में बाघ देखने के लिए 5 सर्वश्रेष्ठ स्थानों के बारे में बता रहे हैं।

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान

रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान भारत के सबसे प्रसिद्ध बाघ अभ्यारण्यों में से एक है। यह राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है और अपने ऐतिहासिक किले और घने जंगलों के लिए जाना जाता है। यहां बाघ दिखने की संभावना बहुत अधिक है, क्योंकि यहां बाघ अक्सर खुले में घूमते नजर आते हैं। बाघों के अलावा रणथंभौर में तेंदुए, हिरण और कई प्रकार के पक्षी भी देखे जा सकते हैं। यहां की सफारी आपको एक ऐसा अनुभव देगी जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे।

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है और यह उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह पार्क अपने बाघों और हाथियों के लिए प्रसिद्ध है। कॉर्बेट में बाघ देखने के लिए जीप सफारी और हाथी सफारी की सुविधा उपलब्ध है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और वन्य जीवन की विविधता पर्यटकों को आकर्षित करती है। कॉर्बेट में रामगंगा नदी के तट पर बाघ देखने का अनुभव बहुत खास है।

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है और बाघों को देखने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक माना जाता है। यहां बाघों की आबादी बहुत घनी है, जिसके कारण बाघ दिखने की संभावना अधिक है। बांधवगढ़ का इतिहास भी काफी रोचक है, क्योंकि प्राचीन काल में यह रीवा राज्य की शिकारगाह हुआ करती थी। यहां के घने जंगल और पहाड़ियां बाघ देखने के लिए उत्तम वातावरण प्रदान करते हैं।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के मंडला और बालाघाट जिलों में फैला हुआ है। यह पार्क अपने खूबसूरत परिदृश्य और वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है। कान्हा को "जंगल बुक" के लेखक रुडयार्ड किपलिंग की प्रेरणा माना जाता है। बाघों के अलावा यहां हिरण, तेंदुए और जंगली कुत्ते भी देखे जा सकते हैं। कान्हा की सफारी एक रोमांचक अनुभव है, जो प्रकृति प्रेमियों को काफी आकर्षित करती है।

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