कहीं पैदा हुई सरस्वती तो कहीं जन्मे भोलेनाथ, महाकुंभ में मां गंगा भर रही है सबकी गोद, इस तरह आप भी बनाएं संगम में डुबकी लगाने की योजना

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में संगम तट पर चल रहे महाकुंभ मेले में कई घटनाएं घटीं। इस मेले ने जहां किसी को उसके खोए हुए परिवार के सदस्य से मिलाया, वहीं एक दर्दनाक घटना ने कई परिवारों को तोड़ दिया। इस बीच एक दिल को छू लेने वाली खबर सामने आई है। महाकुंभ में अब तक कुल 12 बच्चों ने जन्म लिया है और उनके माता-पिता ने अपने बच्चे का नाम किसी का गंगा, किसी का जमुना, किसी का भोले नाथ तो किसी का बजरंगी रखा है।
सेक्टर 2 स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल की मेट्रन रमा सिंह ने बताया कि बीती रात एक महिला ने बेटे को जन्म दिया, ऐसे में उसका पति बेटे का नाम कुंभ रखने पर अड़ा हुआ है। 29 दिसंबर को जन्मे एक बच्चे को कुंभ नाम पहले ही दिया जा चुका है। अब इस बच्चे का नाम कुंभ-2 रखा गया है। बेटे के पिता दीपक ने बताया- मैं हरियाणा में काम करता हूं और मां सेक्टर 18 में कल्पवास कर रही हैं। मैं अपनी पत्नी नेहा के साथ उनकी सेवा करने के लिए छुट्टी लेकर यहां आया हूं। कल रात पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने एक बेटे को जन्म दिया। दीपक ने कहा, “भले ही अस्पताल मेरे बेटे का नाम कुंभ नहीं रख रहा है, लेकिन मैं उसका नाम कुंभ रखूंगा क्योंकि उसका जन्म इसी महाकुंभ में हुआ है।”
इसी प्रकार बसंत पंचमी के दिन एक महिला ने रात्रि में एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम बसंत रखा गया। वहीं इसी स्नान पर्व पर एक महिला ने एक पुत्री को जन्म दिया जिसका नाम बसंती रखा गया। सेंट्रल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक ने बताया कि सेंट्रल अस्पताल में अब तक कुल 12 बच्चों का जन्म हो चुका है। सभी प्रसव सामान्य रूप से सम्पन्न हुए। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जहांगीराबाद (बाराबंकी), चित्रकूट, कौशाम्बी तथा झारखंड, मध्य प्रदेश आदि कई राज्यों से आई महिलाओं ने प्रसव कराया। रमा सिंह ने बताया कि प्रसव के बाद ज्यादातर लोग जल्दी छुट्टी मांगते हैं, लेकिन हमें प्रसूता को 24 घंटे तक निगरानी में रखना होता है, उसके बाद ही हम छुट्टी देते हैं।
उनका कहना है कि कई महिलाएं प्रसव की तिथि नजदीक होने के बावजूद इस विश्वास के साथ मेले में आती हैं कि कुंभ मेले में जन्म लेने वाला बच्चा भाग्यशाली होगा। एक महिला ग्वालियर मध्य प्रदेश से आई थी और जैसे ही वह स्नान के लिए घाट पर पहुंची तो उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और परिवार के सदस्यों ने तुरंत एम्बुलेंस को फोन करके इसकी सूचना दी। महिला ने अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया और बच्ची का नाम सरस्वती रखा गया। उन्होंने बताया कि इसी तरह यहां जन्म लेने वाले बच्चों का नाम भोले नाथ, गंगा, जमुना, सरस्वती, नंदी आदि रखा जाता है।