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चंडीगढ़ में पार्टनर के साथ रोमांटिक डेट के लिए इन जगहों को बनाए अपना ट्रेवल डेस्टिनेशन, प्यार हो जाएगा दोगुना

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मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है और वृंदावन उनकी लीलाओं का शहर है। यहां की होली का रंग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। मथुरा-वृंदावन की होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव भी है। यही कारण है कि यहां होली एक दिन का नहीं बल्कि कई दिनों का त्यौहार है। जी हां, मथुरा-वृंदावन और पूरे ब्रज में होली अलग-अलग तरीकों से खेली जाती है। बरसाना की लट्ठमार होली, रंगभरी एकादशी, लड्डूमार होली, बांकेबिहारी की फूलों की होली और द्वारिकाधीश मंदिर की पारंपरिक होली में हर कोई शामिल होना चाहता है। लेकिन, कई बार भीड़ के डर से लोग मथुरा-वृंदावन में होली का आनंद नहीं ले पाते हैं।


मथुरा-वृंदावन में कई मंदिर हैं जहां आप रंगों के दिव्य और शांतिपूर्ण त्योहार का आनंद ले सकते हैं। भले ही इन मंदिरों में होली का त्यौहार बहुत भव्य नहीं होता, लेकिन यहां रंगों का त्यौहार आपके दिल को छू सकता है। तो अगर आप इस बार मथुरा-वृंदावन में होली खेलने का प्लान बना रहे हैं और भीड़-भाड़ से बचना चाहते हैं तो यहां बताए जा रहे 5 मंदिरों में जा सकते हैं।बांके बिहारी मंदिर और निधि वन के अलावा वृंदावन में प्रेम मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। यह मंदिर प्राचीन नहीं है. यह कुछ साल पहले बनाया गया था. प्रेम मंदिर सुंदर सेफड़ संगमरमर से बना है। यह मंदिर रात की रोशनी में जगमगा उठता है। यहां रात में प्रकाश और फव्वारा शो भी होता है। मंदिर में श्री कृष्ण और राधा रानी की विभिन्न लीलाएं दर्शाई गई हैं। प्रेम मंदिर में भी रंगों के त्योहार होली का आनंद लिया जा सकता है।

वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में भी होली की अलग छटा देखने को मिलती है। यहां की फूलों की होली प्रसिद्ध है। इस्कॉन मंदिर की होली दिव्यता के साथ-साथ आध्यात्मिकता का भी अनुभव कराती है। यहां प्रतिदिन सुबह-शाम भजन-कीर्तन होता है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होता है।वृंदावन में राधा रमण मंदिर में भी रंगों के त्योहार होली का आनंद लिया जा सकता है। इस मंदिर की स्थापना गोपाल भट्ट गोस्वामी ने की थी। राधा रमण मंदिर में राधा-कृष्ण के प्रति दिव्य भक्ति का अनुभव होता है। ऐसे में इस अनुभव के साथ होली और रंगों के त्योहार का आनंद चार गुना बढ़ सकता है।

हिंदू धर्म में वृंदावन को एक शहर नहीं, बल्कि श्री कृष्ण की लीलाओं का केंद्र माना जाता है। वृंदावन में एक मंदिर नहीं, ब हजारों मंदिर हैं। इनमें से एक हैं राधा वल्लभ। राधा वल्लभ मंदिर में भी होली का अनुभव किया जा सकता है। अगर आप रंगोत्सव के लिए वृंदावन जा रहे हैं तो राधा वल्लभ के दर्शन भी जरूर कर सकते हैं।वृंदावन में यमुना नदी के तट पर बने केसी घाट का भी धार्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण ने केसी घाट पर केसी नामक राक्षस का वध किया था। सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद इस घाट पर मनमोहक यमुना आरती की जाती है।

मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर की होली भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का प्रांगण वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से भी बड़ा है, इसलिए अगर भीड़ भी हो तो आप बिना किसी धक्का-मुक्की के होली का आनंद ले सकते हैं। आपको बता दें कि मथुरा श्री कृष्ण की जन्मस्थली है। ऐसे में आप होली का आनंद लेने के साथ-साथ भगवान की जन्मस्थली के दर्शन भी कर सकते हैं।अगर आपको हमारी कहानी से जुड़ा कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आपको सही जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करते रहेंगे।

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