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‘लुटेरा’ में रणवीर सिंह ने किया जिस चंद्रताल का जिक्र, जानिए वहां कैसे पहुंचें

दिलवालों की दिल्ली में बहुत से लोग काम की तलाश में आते हैं। इसके अलावा लाल किला से लेकर कुतुब मीनार, इंडिया गेट, लोटस टेंपल जैसी ऐतिहासिक संरचनाओं को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि यहां घूमने के लिए सिर्फ ऐतिहासिक इमारतें ही हैं, लेकिन दिल्ली बहुत बड़ी है और इसके आसपास काफी हरियाली है। हर रोज काम पर जाने की भागदौड़, सड़क पर भारी ट्रैफिक और चारों तरफ इमारतें देखना काफी बोरिंग हो जाता है। ऐसे में एक बोरिंग हफ्ते के बाद वीकेंड पर किसी हरी-भरी जगह पर कुछ समय बिताने का मन करता है। इसके लिए आप दिल्ली के 100 किलोमीटर के दायरे में स्थित झीलों को एक्सप्लोर कर सकते हैं जो मानसून में और भी खूबसूरत लगती हैं। अगर आप दिल्ली में रहते हैं और मानसून में घूमने के लिए किसी हरी-भरी प्राकृतिक जगह की तलाश में हैं, लेकिन ज्यादा छुट्टियां नहीं ले पाते हैं, तो ऐसी जगहें आपके लिए परफेक्ट रहेंगी जहां जाने और आने में ज्यादा समय न लगे। तो आइए जानते हैं देश की राजधानी के पास मौजूद खूबसूरत झीलों के बारे में, आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं। यह भी पढ़ें 100 करोड़ की फंडिंग, 40 बैंक खाते, जबरन धर्म परिवर्तन... छांगुर बाबा का गंदा राज खुला श्वेता तिवारी ही नहीं, 40 साल की श्वेता त्रिपाठी भी हैं बेहद ग्लैमरस और स्टाइलिश वायरल वीडियो: चलती ट्रेन में चोर ने दिखाए हाथ साफ, यात्री से झपट्टा मारकर छीना उसका फोन दमदमा झील हरियाणा-गुरुग्राम (दमदमा झील) वीकेंड पर आप हरियाणा के गुरुग्राम में मौजूद दमदमा झील पर जा सकते हैं। यह झील सोहना के पास अलवर रोड पर पड़ती है। यह प्राकृतिक झील करीब 3000 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और अरावली पहाड़ियों के बीच एक दर्शनीय स्थल है। यह झील पिकनिक और वाटर स्पोर्ट्स के लिए काफी लोकप्रिय है। यहां पहुंचने के लिए आप निजी टैक्सी से लेकर बस तक से आ सकते हैं या मेट्रो से पहुंचने के बाद यहां से बस या टैक्सी ले सकते हैं।  सुल्तानपुर झील (सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य) हरियाणा के गुरुग्राम में ही आप सुल्तानपुर झील घूमने जा सकते हैं। यह जगह प्रकृति प्रेमियों के साथ-साथ पक्षी प्रेमियों के लिए भी बेहतरीन है। दरअसल, सुल्तानपुर झील को सुल्तानपुर नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यह जगह दिल्ली से करीब 46 किलोमीटर दूर है। झील के पास कई वॉच टावर भी बने हैं, जहां से आप पक्षियों और हरियाली को देखने के साथ-साथ फोटोग्राफी भी कर सकते हैं।  ओखला पक्षी अभयारण्य जाएं अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो ओखला पक्षी अभयारण्य आपके लिए बेहतरीन जगह हो सकती है। यह एक लोकप्रिय जगह है, जहां लोग खास तौर पर अलग-अलग तरह के पक्षियों को देखने आते हैं। यहां आपको 300 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलेंगे। 1990 में इसे पक्षी अभयारण्य के तौर पर नामित किया गया था। यह जगह यमुना नदी के किनारे है, जहां बांध बनाकर झील बनाई गई है। यहां एक टावर भी बना है, जहां से आप शानदार नजारे देख सकते हैं।  भोंडसी झील (भोंडसी नेचर पार्क) आप दिल्ली के गुरुग्राम में भोंडसी झील या नेचर पार्क जा सकते हैं। यह भी सोहना रोड पर स्थित है, इसलिए आप अपने निजी वाहन, मेट्रो या बस-टैक्सी से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। 12 एकड़ में फैली यह झील प्रकृति प्रेमियों और शांति से अपना समय बिताने के लिए एक अच्छी जगह की तलाश करने वालों के लिए एक बेहतरीन जगह है।  संजय झील का अन्वेषण करें अगर मानसून में हरियाली से भरपूर जगह की बात करें तो संजय झील दिल्ली में ही स्थित है। यह जगह पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी में पड़ती है। हालांकि, यह विकास प्राधिकरण डीडीए द्वारा विकसित एक कृत्रिम झील है। यह झील 170 एकड़ के वन क्षेत्र में लगभग 42 एकड़ में फैली हुई है। चारों ओर हरियाली के बीच आप बेहद शांतिपूर्ण वीकेंड बिता सकते हैं।

बॉलीवुड फिल्म ‘लुटेरा’ के उस मशहूर सीन में रणवीर सिंह का डायलॉग “मरने से पहले मैं एक बार चंद्रताल देखना चाहता हूं” सुनकर हर किसी के मन में ये सवाल जरूर उठता है — क्या वाकई चंद्रताल इतना खूबसूरत है कि कोई उसे मरने से पहले देखना चाहे? और जवाब है – हां, बिल्कुल! हिमाचल प्रदेश की बर्फीली वादियों में बसी चंद्रताल झील सिर्फ एक ट्रैवल डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि प्रकृति की सबसे खूबसूरत कृतियों में से एक है।

 कहां है चंद्रताल?

चंद्रताल झील हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में स्थित है। यह समुद्र तल से करीब 4,300 मीटर (लगभग 11,000 फीट) की ऊंचाई पर है। इसका नाम “चंद्र” यानी चांद और “ताल” यानी झील से मिलकर बना है, क्योंकि इसका आकार अर्धचंद्राकार है। यह झील स्पीति घाटी में स्थित है और अक्सर इसे 'मून लेक' भी कहा जाता है।

 क्या खास है चंद्रताल में?

  • रंग बदलती झील: यह झील अपने पानी के बदलते रंगों के लिए मशहूर है। सुबह के समय यह झील नीले रंग में नजर आती है, दोपहर को इसका रंग फिरोज़ी हो जाता है और शाम को ये हरे रंग की दिखाई देती है। यह दृश्य किसी जादू से कम नहीं लगता।

  • एडवेंचर लवर्स की जन्नत: चंद्रताल पहुंचने का रास्ता आसान नहीं है। ट्रेकिंग और ऊबड़-खाबड़ सड़कों के बाद जब आप इस झील तक पहुंचते हैं, तो इसकी शांति, विशालता और प्राकृतिक खूबसूरती आपकी सारी थकान दूर कर देती है।

     पौराणिक महत्व

कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस झील में चंद्र देव स्नान करने के लिए आए थे। यही वजह है कि इसे पवित्र स्थल भी माना जाता है और यहां का पानी भी काफी शुद्ध और पवित्र माना जाता है। बहुत से श्रद्धालु यहां से झील का पानी अपने साथ ले जाते हैं।

 कैसे पहुंचे चंद्रताल?

चंद्रताल तक पहुंचने के दो प्रमुख रास्ते हैं:

  1. मनाली के रास्ते:

    • मनाली से अटल टनल पार करके आप बातल पहुंच सकते हैं।

    • बातल से लगभग 14 किलोमीटर का रास्ता ट्रेकिंग या 4x4 गाड़ी से तय किया जा सकता है।

    • कुल दूरी: लगभग 110 किलोमीटर

  2. शिमला - किन्नौर - काजा - कुंजम पास के रास्ते:

    • यह मार्ग लंबा है लेकिन बहुत खूबसूरत भी है।

    • रास्ते में आप रेकोंग पियो, ताबो और काजा जैसे कई दर्शनीय स्थल देख सकते हैं।

नजदीकी हवाई अड्डा: भुंतर (कुल्लू)
नजदीकी रेलवे स्टेशन: शिमला
रोड कनेक्टिविटी: मनाली, काजा, और रोहतांग से अच्छी

 जाने का सबसे सही समय

चंद्रताल झील तक पहुंचने के लिए रास्ता सालभर खुला नहीं रहता। जून से सितंबर के बीच ही यहां जाना संभव है क्योंकि बाकी समय यह पूरा इलाका बर्फ से ढका रहता है और सड़कें बंद हो जाती हैं।

 फोटोग्राफी और मेडिटेशन के लिए परफेक्ट

चंद्रताल का शांत वातावरण, नीला-हरा पानी, आसपास की बर्फीली चोटियां और खुला आसमान—यह सब मिलकर इस जगह को परफेक्ट फोटोग्राफी लोकेशन बनाते हैं। अगर आप ध्यान, आत्मनिरीक्षण या मेडिटेशन करना चाहते , तो इससे शांत और दिव्य जगह आपको भारत में शायद ही कहीं मिले।

 क्या रखें साथ?

  • गर्म कपड़े (क्योंकि तापमान शून्य से नीचे भी जा सकता है)

  • हाई एनर्जी स्नैक्स और पानी

  • कैमरा और पावर बैंक

  • जरूरी दवाइयां और फर्स्ट ऐड किट

  • ट्रेकिंग शूज़ और टॉर्च

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