Mahashivratri 2025: क्या आपको भी महाशिवरात्रि पर करना है बाबा विश्वनाथ के दर्शन, तो बनारस जाते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जा रही है। यह भगवान शिव को समर्पित त्योहार है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि महाशिवरात्रि के दिन 64 स्थानों पर शिवलिंग प्रकट हुए थे। ऐसे में महाशिवरात्रि के अवसर पर देशभर में स्थापित शिव मंदिरों और शिवलिंगों के दर्शन करने जरूर जाएं।
देशभर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जिनमें से एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग को काशी विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए वाराणसी की यात्रा पर जाया जा सकता है। हालाँकि, हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर वाराणसी में भारी भीड़ होती है। इसके अलावा इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन भी हुआ है और प्रयागराज में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु भी बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए बनारस आ रहे हैं। ऐसे में बनारस में भारी भीड़ देखने को मिल सकती है। अगर आप इस अवसर पर बनारस घूमने की योजना बना रहे हैं तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
अगर आप बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं, तो पहले महाशिवरात्रि पर यहां लागू नियमों, प्रोटोकॉल और यातायात गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटा लें।स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी सभी नियमों और निर्देशों का पालन करें, ताकि आपकी यात्रा सुखद और सुरक्षित रहे।महाशिवरात्रि पर वाराणसी में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसी स्थिति में अपनी यात्रा की योजना पहले ही बना लें और आवश्यक बुकिंग (ट्रेन, बस, होटल और दर्शन के लिए) पहले ही करा लें।
अत्यधिक भीड़ के कारण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। भक्तगण केवल झांकी दर्शन ही कर सकेंगे।भीड़ प्रबंधन के तहत गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।मंदिर प्रशासन द्वारा सुरक्षा एवं सुविधा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। निर्देशों का पालन करें और सहयोग प्रदान करें।