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ये हैं भारत के प्रसिद्ध गुरुद्वारे, जहां सेवा और लंगर के लिए पहुंचते हैं हजारों लोग, इस वीकेंड आप भी बनाएं दर्शन की प्लानिंग

लोहड़ी एक ऐसा त्यौहार माना जाता है जिसे पंजाब से लेकर हिमाचल तक और दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक बड़ी धूमधाम से मनाया....
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लोहड़ी एक ऐसा त्यौहार माना जाता है जिसे पंजाब से लेकर हिमाचल तक और दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी के अवसर पर देश के कई स्थानों पर कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।कई लोग लोहड़ी के अवसर पर यात्रा की योजना भी बनाते हैं। विशेषकर, इस अवसर पर अनेक लोग अपने प्रियजनों के साथ देश के प्रसिद्ध एवं पवित्र गुरुद्वारों में मत्था टेकने पहुंचते हैं।अगर आप भी लोहड़ी के पावन अवसर पर देश के कुछ प्रसिद्ध और पवित्र गुरुद्वारों के दर्शन करना चाहते हैं और सेवा और लंगर का अनुभव भी लेना चाहते हैं, तो आप इन गुरुद्वारों के द्वार तक पहुंच सकते हैं।

जब देश के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र सिख तीर्थ स्थलों की बात आती है, तो कई लोग सबसे पहले स्वर्ण मंदिर का नाम लेते हैं। यह अमृतसर, पंजाब में स्थित है। कई लोग स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा के नाम से भी जानते हैं।लोहड़ी के अवसर पर न केवल घरेलू बल्कि विदेशी सिख पर्यटक भी स्वर्ण मंदिर आते हैं। यहां की भव्यता और शांतिपूर्ण वातावरण सिख श्रद्धालुओं को बहुत आकर्षित करता है। लोहड़ी के अवसर पर स्वर्ण मंदिर को विशेष शैली में सजाया जाता है। लोहड़ी के अवसर पर मंदिर के आसपास विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

गुरुद्वारा बंगला साहिब देश का एक प्रसिद्ध एवं पवित्र गुरुद्वारा माना जाता है। यह देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यह गुरुद्वारा अपनी खूबसूरती, सेवा भावना और लंगर के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है।
हर दिन हजारों श्रद्धालु गुरुद्वारा बंगला साहिब पहुंचकर माथा टेकते हैं। लोहड़ी और अन्य विशेष अवसरों पर यहां सबसे अधिक भीड़ देखी जाती है। लोहड़ी के अवसर पर यह गुरुद्वारा एक अलग ही रंग में नजर आता है। ऐसा कहा ता है कि अधिकांश सिख श्रद्धालु यहां कीर्तन का आनंद लेने आते हैं।

समुद्र तल से 15 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब देश का एक पवित्र एवं प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। यह गुरुद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। इसे एक प्रमुख सिख तीर्थ स्थल के साथ-साथ एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी माना जाता है।देश के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब की यात्रा करना कई लोगों का सपना होता है। कहा जाता है कि जो भी यहां सच्चे मन से माथा टेकने आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बर्फबारी के दौरान यह पूरी तरह बर्फ से ढका रहता है, लेकिन लोहड़ी का त्यौहार आसपास के क्षेत्रों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

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