Samachar Nama
×

सिर्फ रणथम्भोर में ही नहीं जयपुर के इस कंजर्वेटिव पार्क में भी रहती है मछली, वीडियो में देखें और खुद करें फैसला

राजस्थान वो नाम है जिसे शायद ही दुनिया में किसी ने नहीं सुना हो, जहां एक ओर ये मरुधरा अपने किलों, महलों ओर पर्यटक स्थलों के लिए मशहूर है, वहीं दूसरी ओर पूरी दुनिया में यहां की वाइल्डलाइफ के भी खासे चर्चे हैं........
gfd

राजस्थान न्यूज डेस्क !!! राजस्थान वो नाम है जिसे शायद ही दुनिया में किसी ने नहीं सुना हो, जहां एक ओर ये मरुधरा अपने किलों, महलों ओर पर्यटक स्थलों के लिए मशहूर है, वहीं दूसरी ओर पूरी दुनिया में यहां की वाइल्डलाइफ के भी खासे चर्चे हैं। राजस्थान में कई ऐसे नेशनल पार्क, रिज़र्व और सफारी हैं जिन्होंने खुदको और राजस्थान के नाम को विश्वभर के नेचर और वाइल्डलाइफ लवर्स के बीच हमेशा के लिए अमर कर दिया है।

लैंड ऑफ़ किंग्स के नाम से मशहूर राजस्थान के रणथम्भोर और सरिस्का नेशनल पार्क जहां अपने टाइगर्स के लिए जाने जाते हैं वहीँ यहां कुछ ऐसी सेंचुरी और सफारी है जो लेपर्ड्स यानि तेदुओं का घर है, तो आज हम भी चलेंगें विश्व प्रसिद्ध जयपुर में स्थित झालाना लेपर्ड सफारी पर 

झालाना लेपर्ड रिजर्व की प्रसिद्धि का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि हिन्दुस्थान के सबसे बड़े सेलिब्रिटीज अक्सर झालाना लेपर्ड सेंचुरी में लेपर्ड का दीदार करते हुए स्पॉट होते हैं। भारत रत्न क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को पत्नी अंजलि तेंदुलकर और परिवार के साथ कई बार झालाना में लेपर्ड्स को अपने कैमरे में रिकॉर्ड करते हुए स्पॉट किया गया है। पूर्व भारतीय बल्लेबाज कप्तान और इंडियन क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ भी सचिन तेंदुलकर की सलाह पर लेपर्ड सफारी करने झालाना पहुंचे थे। अभिनेता रितेश देशमुख भी पत्नी जेनेलिया और बच्चों के साथ झालाना लेपर्ड्स सफारी में साइटिंग और प्रकृति के नजारों को एन्जॉय करने छुट्टियों में जयपुर आये थे। बॉलीवुड सुपर स्टार संजय दत्त और रवीना टंडन फिल्म घुड़चढ़ी की शूटिंग के दौरान झालाना लेपर्ड सफारी पार्क में लगभग 3 घंटे तक यहां की शान कहे जाने वाले पैंथर बहादुर को देख रोमांचित हुये थे। फेमस बैंडमिंटन प्लेयर सायना नेहवाल भी फैमिली टूर के दौरान पति और परिवार के साथ लेपर्ड देखने की चाह में झालाना खींची चली आई थी। बॉलीवुड के सबसे बड़े वाइल्डलाइफ लवर रणदीप हुड्डा को अपनी हर राजस्थान यात्रा के दौरान लेपर्ड सफारी में पेंथर्स का दीदार करते हुए देखा गया है। इनके अलावा झालाना लेपर्ड रिजर्व कई और बॉलीवुड, साउथ सिनेमा और टीवी के सेलिब्रिटी का फेवरिट डेस्टिनेशन है, इन सेलेब्स में मयूर मेहता, बलराज, आकांक्षा सिंह, सृष्टि रोहण और राजीव खंडेलवाल समेत कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं.

झालाना लेपर्ड सफारी भारत का पहला लेपर्ड रिजर्व है, जो भारी आबादी के बीचों बीच जयपुर शहर के केंद्र में स्थित है। यह भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ है। 23 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए इस पार्क को साल 2017 में लेपर्ड रिजर्व बनाया गया था। झालाना लेपर्ड सफारी रणथम्भोर और सरिस्का नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व से विपरीत जंगल में बसे होने के जगह शहर की घनी आबादी के बीचों बीच स्थित है, जिस कारण इसे विश्व भर में अनोखे लेपर्ड पार्क का दर्जा मिला हुआ है। अगर आप रणथम्भोर नेशनल पार्क और सरिस्का टाइगर रिजर्व के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आपको इनके वीडियो का लिंक डिस्क्रिप्शन में मिल जायेगा। 

झालाना लेपर्ड सफारी जयपुर के मध्य में स्थित झालाना के जंगलों में बनाया गया लेपर्ड कंजर्वेटिव पार्क है, जहाँ साल 2018 में पर्यटकों के लिए सफारी की शुरुवात की गई थी। अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित झालाना सफारी पार्क अपने आप में एक आदिम जंगल है, जो गलता घाटी के जंगलों और रामगढ बांध के जंगलों से होता हुआ इसे सरिस्का नेशनल पार्क से जोड़ता है। जयपुर शहर के सबसे विकसित जोन में से एक मालवीय नगर क्षेत्र में बसा हुआ झालाना पार्क जयपुर एयरपोर्ट और गाँधी नगर रेलवे स्टेशन से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर के झालाना क्षेत्र में स्थित इस वन क्षेत्र का उपयोग अठारहसौसाठ तक जयपुर शाही परिवार द्वारा एक निजी संपत्ति के रूप में शिकार के लिए किया जाता था। झालाना लेपर्ड रिजर्व के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक यहां स्थित शिकार होदी है, जो एक तीन मंजिला शिकारगाह है। इसका उपयोग जयपुर के शाही परिवारों द्वारा शिकार के समय किया जाता था। रिज़र्व के मध्य में स्थित यह ऐतिहासिक शिकारगाह पर्यटकों को जानवरों, पक्षियों सूर्योदय और सूर्यास्त का शानदार नजारा देखने का एक अद्भुत व्यू पॉइंट देता है । 

वर्तमान में झालाना लेपर्ड सफारी में 40 से अधिक तेंदुए और 5 शावक रहते हैं। इस लेपर्ड सफारी को झालाना लेपर्ड कॉलोनी भी कहा जाता है, क्योंकि जिस तरह किसी कॉलोनी में रहने के लिए अलग-अलग घर होते हैं उसी तरह इस सफारी में अलग-अलग लेपर्ड अपनी-अपनी टेरिटरी बना कर यहां रहते हैं। झालाना के जंगल में बसी झालाना लेपर्ड सफारी के लेपर्ड्स अपने अनोखे नामों के लिए जाने जाते हैं, जिनका नामकरण वो व्यक्ति करता है जो इन्हें स्पॉट करता है। यहां रहने वाले सभी लेपर्ड के नाम के पीछे कोई न कोई खास वजह जरूर छिपी होती है। जैसे यहां की एक मादा लेपर्ड के रोजाना आरती के समय मंदिर के आसपास नजर आने के चलते इसका नाम आरती रखा गया है। इसी तरह यहां के एक लेपर्ड के ज्यादा आक्रामक और रौबदार होने के चलते इसका नाम राणा रखा गया है। वहीँ यहां के एक तेंदुए का पंजा अन्य तेंदुओं की तुलना में बड़ा होने के चलते इसका नाम बिगफुट रखा गया है। 
 
इसके अलावा झालाना जंगल के खनन क्षेत्र में रहने वाली एक मादा तेंदुए का नाम मिसेज खान रखा गया है। इसी तरह से रणथंभोर की सबसे बड़ी बाघ मछली की तरह सबसे ज्यादा शावकों को जन्म देने के चलते यहां की एक लेपर्ड का नाम फ्लोरा मछली रखा गया है। यहां के एक तेंदुए के नाक पर नथ जैसा निशान बना हुआ होने के चलते इसका नाम नथवाली रखा गया। झालाना के जंगलों में एक नर और मादा तेंदुए की जोड़ी हमेशा साथ रहती है, जिसके चलते इनका नाम रोमियो जूलियट रखा गया है। इन सब के अलावा वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफर में अपनी बहादुरी के लिए मशहूर एक लेपर्ड का नाम बहादुर रखा गया है। 

 तेंदुओं के अलावा आप यहां धारीदार लकड़बग्घा, भारतीय सिवेट, रेगिस्तानी बिल्लियाँ, जंगली बिल्लियाँ, रेगिस्तानी लोमड़ी, सियार, साही, जंगली चूहे, मॉनिटर छिपकली, नेवले, सांभर हिरण, चीतल, नीलगाय और साँपों की असंख्य प्रजातियाँ देख सकते हैं। इसके साथ ही पार्क में ढेर सारी पक्षी प्रजातियाँ भी मौजूद हैं, जो इसे पक्षी देखने वालों के लिए स्वर्ग बनाती है।

झालाना का जंगल एक शुष्क पर्णपाती वन है, जो अरावली पहाड़ियों की ढलानदार घाटियों और तीखी चट्टानों जैसा है। जंगल में शुष्क परिस्थितियों में उगने वाले जूलीफ्लोरा और खेजड़ी जैसे पौधे सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। इसके अलावा यहां कई अन्य स्थानीय वनस्पतियां पायी जाती है जिसमे ढाक, सालार, ढोंक और कुमटा शामिल हैं। इस क्षेत्र की जैव विविधता भी इसे लेपर्ड्स के लिए एक उपयुक्त घर बनाने में योगदान करती है। 

झालाना लेपर्ड रिजर्व भारत के कई अन्य वन्यजीव अभ्यारण्यों के विपरीत साल भर खुला रहता है, इसके साथ ही झालाना मानसून के मौसम के दौरान भी खुला रहता है। हालाँकि नवंबर से अप्रैल को यहां घूमने का सबसे बेस्ट समय माना जाता है। झालाना सफारी पार्क पर्यटकों के लिए गर्मियों में सुबह 5:45 से 8:15 तक और शाम 4:45 से शाम 7:15 तक और सर्दियों में सुबह 6:15 से 8:45 तक और दोपहर 3:30 से शाम 6:15 तक खुला रहता है। झालाना में सफारी के लिए आपको पार्क के मुख्य गेट से जिप्सी मिल जाएगी, इसमें अधिकतम 6 लोग सफारी का आनंद ले सकते हैं। जिप्सी के लिए आपको करीब 4500 रूपये की फीस चुकानी होगी। 

झालाना लेपर्ड रिजर्व जयपुर शहर के मध्य में स्थित है, यहां घूमने के लिए आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग में से किसी से भी यात्रा करके झालाना सफारी पार्क पहुंच सकते हैं। फ्लाइट से यहां पहुंचने के लिए सबसे निकटतम हवाईअड्डा 5 किलोमीटर की दूरी पर सांगानेर एयरपोर्ट है। ट्रेन से यहां पहुंचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जयपुर जक्शन है। जयपुर शहर देश के सभी मुख्य राजमार्गों से जुड़ा हुआ है, जिसके चलते आप सड़क मार्ग से भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। 

झालाना लेपर्ड सफारी के दौरान आप जयपुर के कुछ सबसे मशहूर होटल्स में यहां की शाही मेहमान नवाजी का आनंद भी उठा सकते हैं, इसके लिए आप रामबाग पैलेस, मैरियट होटल, फोर्ट चंद्रगुप्त, राजस्थान पैलेस, अलसीसर हवेली, ओबेरॉय राज विलास, आईटीसी राजपूताना, जयमहल पैलेस, होटल शिव विलास पैलेस और होटल मानसिंह में रुकने का प्लान कर सकते हैं।

जयपुर झालाना लेपर्ड सफारी के आस-पास देखने के लिए कई दर्शनीय स्थल भी हैं जिनमें जल महल, आमेर का किला, नाहरगढ़ का किला, जयगढ़ का किला, सिटी पैलेस, सिसोदिया रानी का बाग, गलता जी मंदिर, मोतीडूंगरी, हवा महल, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम और जंतर मंतर मुख्य रूप से शामिल है। अगर आप झालाना लेपर्ड सफारी के साथ इन जगहों पर भी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको यहां घूमने की सम्पूर्ण जानकारी के वीडियो का लिंक डिस्क्रिप्शन में मिल जायेगा। तो दोस्तों ये थी भारत की पहली लेपर्ड सफारी झालाना, वीडियो देखने के लिए धन्यवाद, अगर आपको यह वीडियो पसंद आया तो प्लीज कमेंट कर अपनी राय दें, चैनल को सब्सक्राइब करें, वीडियो को लाइक करें, और अपने फ्रेंड्स और फेमिली के साथ इसे जरूर शेयर करें।

Share this story

Tags