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राजस्थान के इस शहर में मौजद हैं दुनिया की सबसे बड़ी सूर्य घड़ी, डॉक्यूमेंट्री देख आंखों पर नहीं होगा यकीन

जयपुर में स्थित जंतर-मंतर एक ऐतिहासिक स्मारक है जो भारत की पांच खगोलीय वेधशालाओं में सबसे बड़ा है। इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराजा सवाई जय सिंह ने करवाया था। यह भी भारत के प्रमुख पर्यटक एवं आकर्षण स्थलों में से एक है, जिसे इसके सांस्कृतिक....
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जयपुर न्यूज डेस्क !!! जयपुर में स्थित जंतर-मंतर एक ऐतिहासिक स्मारक है जो भारत की पांच खगोलीय वेधशालाओं में सबसे बड़ा है। इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराजा सवाई जय सिंह ने करवाया था। यह भी भारत के प्रमुख पर्यटक एवं आकर्षण स्थलों में से एक है, जिसे इसके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और वैज्ञानिक महत्व के कारण यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है। आइए जानते हैं इस वेधशाला से जुड़ी खास बातें।

  विश्व प्रसिद्ध जंतर-मंतर का इंटरप्रिटेशन सेंटर (व्याख्या केंद्र) पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। जहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को 8 मिनट के भीतर जंतर-मंतर के 16 यंत्रों के बारे में जानकारी मिल रही है। जंतर-मंतर के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 5 महीनों में 6 लाख से ज्यादा लोग इस इंटरप्रिटेशन सेंटर से यंत्रों के बारे में जानकारी ले चुके हैं। वहीं, पर्यटक अन्य संग्रहालयों और स्मारकों में भी व्याख्या केंद्रों की मांग करने लगे हैं।

इंटरप्रिटेशन सेंटर के जरिए 8 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म में जंतर-मंतर के बारे में बताया जा रहा है. जंतर - मंत्र के यंत्रों की प्रायोगिक जानकारी के साथ-साथ उसकी स्थापना की भी जानकारी दी जा रही है। मशीनों, उनकी कार्यप्रणाली के बारे में बताया जा रहा है। प्रत्येक यंत्र के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ सूर्य की गति के अनुसार राशियों और यंत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव की भी जानकारी दी जा रही है। यह इंटरप्रिटेशन सेंटर साल 2010 में बनाया गया था. जंतर-मंतर पर आने वाले पर्यटकों को यहां एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई जा रही है. इसके साथ ही यहां के म्यूजियम और रिसर्च रूम में लोग जानकारी ले रहे हैं.

 

 

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