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इस वीकेंड आप भी करें भारत की उस जगह की सैर, जहां सबसे पहले हो जाता है उगते सूरज का दीदार, वीडियो में जानें लोकेशन

क्या आप जानते हैं कि जब हम सभी अपनी नींद पूरी कर रहे होते हैं, तब भारत के एक गांव में लोग अपने दिन की शुरुआत कर रहे होते हैं? दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश की,.......
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ट्रेवल न्यूज़ डेस्क !!! क्या आप जानते हैं कि जब हम सभी अपनी नींद पूरी कर रहे होते हैं, तब भारत के एक गांव में लोग अपने दिन की शुरुआत कर रहे होते हैं? दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश की, जहां के एक गांव में सूरज सबसे पहले उगता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का सबसे पूर्वी राज्य होने के साथ-साथ मध्याह्न रेखा के भी बहुत करीब है। यही कारण है कि जब भारत के अन्य हिस्सों में अंधेरा होता है, तो यहां के डोंग गांव में सूरज उग आया है।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में स्थित डोंग गांव भारत के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है जहां देश में सबसे पहले सूरज उगता है। इस खूबसूरत गांव को अक्सर "भारत का पहला सूर्योदय स्थल" कहा जाता है। प्रकृति के इस अद्भुत नजारे को अपनी आंखों से देखने के लिए सूर्योदय के शौकीन दूर-दूर से यहां आते हैं।डोंग गांव में जब सूरज उगता है तो पूरा माहौल बदल जाता है। आसमान धीरे-धीरे लाल हो जाता है और फिर धीरे-धीरे सूरज की पहली किरणें दिखाई देने लगती हैं। यह दृश्य इतना मनोरम है कि देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। सूर्योदय के साथ ही पूरा गांव जगमगा उठता है और एक नई ऊर्जा से भर जाता है।

Indias Earliest Sunrise - MEDIA4SUPPORT

अरुणाचल प्रदेश की गोद में बसी डोंग वैली को भारत की 'उगते सूरज की भूमि' के रूप में जाना जाता है। देश के सबसे पूर्वी सिरे के बहुत करीब स्थित होने के कारण, यह घाटी भारत में सूर्य की किरणों को देखने वाली पहली घाटी है। 1240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस घाटी में सूर्योदय देखने के लिए उत्सुक पर्यटक अक्सर सुबह 2 या 3 बजे सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच जाते हैं।डोंग गांव और आसपास के क्षेत्रों में कई मूल जनजातियों का निवास है, जिसके कारण ये क्षेत्र प्रतिबंधित हैं। भारत के अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करने के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) प्राप्त करना आवश्यक है। यह परमिट अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया जाता है और इसमें कुछ शर्तें होती हैं।

डोंग वैली में सूर्योदय देखने के लिए आपको थोड़ी अधिक मेहनत करनी होगी। उस स्थान तक पहुंचने के लिए जहां सूर्य की पहली किरणें पृथ्वी को छूती हैं, अंधेरे में यात्रा करनी पड़ती है। यह एक अविस्मरणीय अनुभव है. जब आप अंधेरे में ट्रैकिंग कर रहे होते हैं तो चारों ओर सिर्फ प्रकृति की आवाजें ही सुनाई देती हैं। पक्षियों की चहचहाहट, हवा का झोंका और पेड़ों की सरसराहट आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। जैसे-जैसे आप ऊपर जाते हैं, तापमान गिरता है और हवा की गति भी बढ़ती है। इसलिए गर्म कपड़े, दस्ताने और अच्छी जैकेट पहनना बहुत जरूरी है।

डिब्रूगढ़ हवाई अड्डा डोंग वैली का निकटतम हवाई अड्डा है। यहां से आप कैब, टैक्सी या बस से डोंग वैली पहुंच सकते हैं। इस यात्रा में लगभग 6-7 घंटे लगते हैं। अगर आप भारत के अन्य राज्यों से आ रहे हैं और ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं तो आप सबसे पहले गुवाहाटी आ सकते हैं। गुवाहाटी में कुछ दिन आराम करने के बाद आप न्यू तिनसुकिया जंक्शन के लिए दूसरी ट्रेन ले सकते हैं। न्यू तिनसुकिया से आप नामसिया और फिर डोंग वैली पहुंच सकते हैं।

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