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अगर आप भी एक जगह घूमकर हो गए है बोर,तो आप भी जरूर घूमे वॉर मेमोरियल कारगिल 

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कारगिल भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है। जो खासतौर पर भारत-पाकिस्तान युद्ध के लिए जाना जाता है। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल से पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़कर जीत का झंडा लहराया। उसी दिन की याद में हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। देश इस बार 24वां 'कारगिल विजय दिवस' मनाने जा रहा है। वैसे तो कारगिल की पहचान मुख्य रूप से भारत-पाकिस्तान युद्ध है, लेकिन यहां कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो बेहद खूबसूरत हैं। आप जब भी यहां आएं तो इन जगहों को देखना न भूलें।

कारगिल युद्ध स्मारक

कारगिल में स्थित, द्रास युद्ध स्मारक भारतीय सेना द्वारा 1999 में कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों की याद में बनाया गया है। इस युद्ध स्मारक के गुलाबी पत्थरों पर 'ऑपरेशन विजय' में शहीद हुए सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं। इसे विजयपथ के नाम से भी जाना जाता है। यहां का मुख्य आकर्षण गुलाबी बलुआ पत्थर की दीवार है। यहां "मनोज पांडे गैलरी" है जिसमें उस दौरान ली गई तस्वीरें, युद्ध के दौरान खोजे गए हथियार और तोपखाने प्रदर्शित किए गए हैं। युद्ध स्मारक के अंदर एक अमर ज्योति निरंतर जलती रहती है। यहां एक थिएटर भी है जिसमें कारगिल युद्ध की पूरी कहानी अमिताभ बच्चन की आवाज में सुनाई जाती है।

द्रास घाटी

द्रास भारत का सबसे ठंडा स्थान है जो जम्मू और कश्मीर राज्य के कारगिल जिले में स्थित है। इसे लद्दाख का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। द्रास समुद्र तल से 10,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां बहुत ठंड पड़ती है, यहां तक कि गर्मियों में भी आप गर्म कपड़ों के बिना यहां नहीं रह सकते। सर्दियों में यहां का तापमान -20 डिग्री तक चला जाता है. सितंबर से अक्टूबर तक यहां का तापमान 23 डिग्री के आसपास रहता है, इसलिए इस घाटी की यात्रा के लिए यह सबसे अच्छा समय है।

सुरू घाटी

सुरू घाटी एक खूबसूरत और बेहद शांतिपूर्ण जगह है। चारों ओर बिखरी प्राकृतिक सुंदरता को देखना एक अनोखा आनंद है। सुरू घाटी लद्दाख में एक ऐसी जगह है जहां जाकर आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप स्वर्ग में हैं। घाटी में लगभग 25,000 लोग रहते हैं, जिन्हें तिब्बती और बौद्ध समुदाय का वंशज माना जाता है। बर्फ के पहाड़ों से ढकी पहली घाटी को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। यहां का मौसम भी बहुत ठंडा है.

रंगदुम मठ

घूमने के लिए एक खूबसूरत जगह रंगदुम बौद्ध मठ (गोनपा) है, जिसने लद्दाख के कारगिल जिले के जांस्कर में राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा हासिल किया है। कारगिल से करीब 127 किमी दूर जांस्कर की सुरू घाटी पर सैकड़ों साल पहले बना यह मठ आज भिक्षुओं का घर है। इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में तिब्बती वास्तुकला के अनुसार किया गया था। इस मठ में बौद्ध धर्म से संबंधित दुर्लभ तस्वीरें, मूर्तियां और पांडुलिपियां हैं। इस मठ में सदियों से रहने वाले भिक्षुओं की लद्दाख में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में बड़ी भूमिका है। यह मठ 14436 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर बना एक किले जैसा है। जहां से आपको एक तरफ नंगी पहाड़ियां और दूसरी तरफ बर्फ से ढके पहाड़ दिखाई देंगे, जो मठ की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं।
 

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