
कर्नाटक की खूबसूरत घाटियों में बसा यह मंदिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो दुनिया भर से भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह पवित्र स्थान भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध मंजूनाथेश्वर मंदिर और शांति के प्रतीक बाहुबली प्रतिमा के लिए जाना जाता है।यह दरगाह न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक संग्रहालय और भोजनालय जैसे स्थान इसे और भी खास बनाते हैं। चाहे आप आध्यात्मिक शांति की तलाश में हों, सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव करना चाहते हों या प्रकृति की गोद में शांति पाना चाहते हों, इस तीर्थस्थल की यात्रा करना अच्छा रहेगा।
कर्नाटक के धर्मस्थल में स्थित मंजूनाथेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है। यह मंदिर अपनी प्राचीनता, धार्मिक महत्व और दानशीलता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। हर साल लाखों भक्त भगवान मंजूनाथेश्वर के दर्शन करने और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने के लिए यहां आते हैं।यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना है। इसमें सुंदर नक्काशीदार स्तंभ, पारंपरिक गोपुरम और भव्य गर्भगृह शामिल हैं। यहां जाकर आपको दो लाभ हो सकते हैं, पहला तो आप मंदिर का इतिहास जान सकेंगे और दूसरा आपको यहां बहुत अच्छा महसूस होगा।
आप यहां बाहुबली गोमटेश्वर प्रतिमा देखने भी जा सकते हैं। यह बहुत लोकप्रिय स्थान है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बाहुबली ने अपना अधिकांश जीवन इसी स्थान पर बिताया था। इसलिए इस स्थान पर उनकी प्रतिमा बनाई गई।इस प्रतिमा का निर्माण 981 ई. के आसपास जैन धर्म के प्रसिद्ध सामंत एवं भक्त चामुंडराय ने करवाया था। आपको बता दें कि यह 39 फीट ऊंचा है और यह पूरी तरह से ग्रेनाइट पत्थर से बना है। इसलिए यह प्रतिमा अपनी भव्यता और शिल्पकला के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
अगर आप यहां जाएंगे तो आपको बहुत अच्छा लगेगा।नेत्रवती नदी कर्नाटक राज्य की प्रमुख नदियों में से एक है, जो पश्चिमी घाट से निकलती है और बाद में अरब सागर में विलीन हो जाती है। यह नदी कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में बहती है और जल स्रोत के रूप में कार्य करती है। इसके साथ ही इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भी है।
अगर आपको झरने या घाट पसंद हैं तो यह जगह आपके लिए सबसे अच्छी हो सकती है। नदी के किनारे हरियाली और पहाड़ों का खूबसूरत दृश्य निश्चित रूप से आपकी यात्रा को सुकून से भर देगा। यहां जाने के लिए आपको पहले ट्रेन और फिर टैक्सी लेनी होगी।यह धार्मिक स्थल कर्नाटक के कांगड़ा जिले में स्थित है। यह एक बहुत ही खूबसूरत जगह है, जहां हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। यहां के धार्मिक स्थलों और प्राचीन मंदिरों के भ्रमण के साथ-साथ यहां की संस्कृति, कला और हस्तशिल्प भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
इसलिए, यहां से खरीदारी करना सबसे अच्छा हो सकता है। आप यहां परिसर से स्थानीय शिल्पकला और हस्तशिल्प, कांगड़ा कला और चित्रकारी या स्थानीय हस्तशिल्प और कपड़े आदि खरीद सकते हैं। आपको बस रेट तय करने होंगे क्योंकि यहां पर्यटकों को सामान बहुत महंगे दामों पर दिया जाता है।यहां आने से पहले अपनी यात्रा की योजना बनाएं। ऐसा करने से न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि जगह तय करने में भी कोई परेशानी नहीं होगी। अगर आप दो दिन की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो इस तरह से यात्रा की योजना बना सकते हैं।
पहले दिन सुबह तक मंदिर पहुंच जाएं और अपना सामान किसी अच्छे होटल में रख दें। आप मंजुनाथेश्वर मंदिर में एक होटल ले सकते हैं, फिर उस जगह का भ्रमण कर सकते हैं और छोटे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में खरीदारी कर सकते हैं।दूसरे दिन आप शहर में मंजूषा और कार संग्रहालय का भ्रमण कर सकते हैं। आप यहां बाहुबली की 12 मीटर ऊंची प्रतिमा भी देख सकते हैं, जो इस क्षेत्र में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। दिन के बाकी समय आप नेत्रावती नदी पर जा सकते हैं और घर के लिए रवाना होने से पहले कुछ आराम के पल बिता सकते हैं।