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अगर आप भी बना रहे है Camel Festival 2025 का हिस्सा बनने की प्लानिंग, तो बीकानेर की इन 3 जगहों पर जरूर घूम कर आएं

बीकानेर में वार्षिक केमल महोत्सव सिर्फ एक त्यौहार नहीं है, बल्कि एक अनुभव है जहां आपको राजस्थान की संस्कृति और परंप............
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बीकानेर में वार्षिक केमल महोत्सव सिर्फ एक त्यौहार नहीं है, बल्कि एक अनुभव है जहां आपको राजस्थान की संस्कृति और परंपरा को जीने का मौका मिलेगा। यह जनवरी के दूसरे शनिवार और रविवार यानी 11 और 12 जनवरी को पड़ने वाला है। ऐसे में लोग इस फेस्टिवल का हिस्सा बनने के लिए ट्रिप प्लान कर रहे हैं. ये फेस्टिवल शनिवार और रविवार को पड़ रहा है इसलिए लोग ज्यादा से ज्यादा यहां जाने का प्लान बना रहे हैं. लेकिन महोत्सव में शामिल होने  रहे लोग बीकानेर की मशहूर जगहों की भी तलाश कर रहे हैं। यह स्वाभाविक भी है, अगर आप अपने शहर से कहीं दूर घूमने जा रहे हैं तो वहां की मशहूर जगहों पर जरूर जाना चाहेंगे। आज के इस लेख में हम आपको बीकानेर के कुछ प्रसिद्ध स्थानों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

अगर आप बीकानेर जा रहे हैं तो आपको जूनागढ़ किला जरूर देखना चाहिए। यह किला राजस्थान के सबसे खूबसूरत किलों में से एक है। किले की दीवारों को देखकर आपको मुगल, गुजराती और राजपूत कला का अहसास होगा। हालाँकि इस किले के एक बड़े हिस्से को संग्रहालय में बदल दिया गया है, फिर भी आपको यहाँ पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलेगी। ध्यान रखें कि यहां जाने के लिए आपको टिकट लेना होगा और समय का भी ध्यान रखना होगा।

भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट की कीमत- 50 रुपये
बच्चों के लिए टिकट की कीमत- 30 रुपये
विदेशी छात्रों के लिए टिकट की कीमत- 150 रुपये
विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट की कीमत- 300 रुपये
किला सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है।

 इस अनोखे मंदिर में आपको दर्शन के लिए जरूर जाना चाहिए। नाम से आपको लग रहा होगा कि यह कोई साधारण मंदिर है, लेकिन इसे चूहों का मंदिर भी माना जाता है। यह बीकानेर से मात्र 30 किमी दूर है। अगर आप बीकानेर कैमल फेस्टिवल में गए हैं तो यहां आए बिना वापस न आएं। यह भारत का सबसे आकर्षक मंदिर माना जाता है। यहां आपको ढेर सारे काले और सफेद चूहे एक साथ दिख जाएंगे। यह राजस्थान में घूमने के लिए सबसे अच्छी जग में से एक है।

इस हवेली की इमारत, डिज़ाइन और रंग आपको यहां अपनी तस्वीरें लेने से नहीं रोकेंगे। यह हवेली दुलमेरा लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। पेंटिंग और बढ़िया लकड़ी की कलाकृतियाँ लोगों को इस जगह पर आने के लिए आकर्षित करती हैं। यह कोटगेट और रेलवे स्टेशन से थोड़ी दूरी पर है। हवेली के एक हिस्से को अब होटल में बदल दिया गया है। लेकिन बाहर से इसका नजारा आप भूल नहीं पाएंगे, कम बजट में यात्रा को मजेदार बनाने के लिए यह एक अच्छी जगह है।

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