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एडवेंचर के हैं शौकीन, तो मई-जून में जरूर करें हिमाचल प्रदेश के इन Offbeat Treks की सैर, मिलेगा अनोखा अनुभव

अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं और ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां आप आराम से इस रोमांच का आनंद ले सकें, तो हिमाचल की ओर निकल पड़ें......
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ट्रेवल न्यूज़ डेस्क !!! अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं और ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां आप आराम से इस रोमांच का आनंद ले सकें, तो हिमाचल की ओर निकल पड़ें। त्रिउंड, पार्वती घाटी, बीस कुंड, हंपटा पास, खीरगंगा ये सभी ऐसे ट्रेक हैं जहां आपको भारी भीड़ देखने को मिल सकती है, तो आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे, जहां की ट्रैकिंग सालों तक याद रहेगी।

जालसू दर्रा चम्बा और कांगड़ा को जोड़ता है। इस ट्रैकिंग के दौरान आपको शानदार नजारे देखने को मिलेंगे, लेकिन यहां ट्रैकिंग करना इतना आसान नहीं है। यह ट्रेक चंबा और कांगड़ा दोनों से शुरू होता है। यह ट्रेक चंबा से शुरू होता है और पालमपुर के पास उत्तराला में समाप्त होता है।

चोबिया पास ट्रेक हिमाचल प्रदेश की पीर पंजाल रेंज में दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा है, जो लाहौल और स्पीति तक फैला हुआ है। इस ट्रैकिंग को पूरा करने में 5 से 6 दिन का समय लगता है। ट्रैकिंग रूट खूबसूरत घाटियों, नदियों से होकर गुजरता है। जो इस एडवेंचर को और भी मजेदार बना देता है.

लाहौल-स्पीति जिले में स्थित यह घाटी बेहद खूबसूरत है। यहां से हिमाचल और लद्दाख दोनों का शानदार नजारा दिखता है। स्थानीय लोगों के बीच यह घाटी फूलों की घाटी के नाम से मशहूर है। बेहद खूबसूरत होने के बावजूद भी यह घाटी आज भी लोगों की नजरों से दूर है। मियार घाटी तक ट्रैकिंग में कम से कम 5 दिन लगते हैं। यह ट्रैकिंग यहां के आखिरी गांव खंजर से शुरू होती है। ट्रैकिंग के दौरान ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं जिनका अनुभव कभी नहीं भूलता। आप यह ट्रेक अकेले भी कर सकते हैं, लेकिन अगर आप यहां के रोमांच से जुड़ी मजेदार कहानियां जानना चाहते हैं तो किसी गाइड के साथ जाएं।

 

 

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