अगर आपको भी जानना हैं समय के बारे में सबकुछ, तो आप भी जरूर करें इस मंदिर की यात्रा
रहस्यमयी सूर्य मंदिर, सुंदर समुद्र तट और यहां की समृद्ध संस्कृति जैसी चीजें ओडिशा के कोणार्क को भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बनाती हैं। यहां बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक आते हैं और साथ ही विदेशी भी इस जगह की ओर आकर्षित होते हैं। कोणार्क बंगाल की खाड़ी के तट पर पुरी जिले में स्थित एक स्थान है। यदि आप किसी ऐसे स्थान पर छुट्टी की योजना बना रहे हैं जहाँ आप भारतीय कला के इतिहास को करीब से देख सकते हैं और समुद्र की शांत लहरों का आनंद ले सकते हैं, तो कोणार्क की यात्रा अवश्य करें। कोणार्क में और इसके आसपास कई ऐसी जगहें हैं जहां आपको देखने के लिए बहुत कुछ मिल जाएगा। हालांकि यह स्थान मुख्य रूप से विशाल सूर्य मंदिर के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यह मंदिर विश्व विरासत की सूची में शामिल है।
इस मंदिर का निर्माण 1250 ईस्वी में हुआ था। यह गंग वंश के राजा नरसिंहदेव प्रथम द्वारा किया गया था। कहा जाता है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों पर विजय के बाद राजा नरसिम्हादेव ने कोणार्क में सूर्य मंदिर का निर्माण कराया, लेकिन 15वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने इस मंदिर को लूट लिया और यहां स्थापित मूर्ति को बचाने के लिए पुजारी इसे पुरी ले गए थे। इस समय पूरा मंदिर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था और धीरे-धीरे पूरा मंदिर रेत से ढक गया था। फिर 20वीं सदी में ब्रिटिश शासन में जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ और उसी दौरान सूर्य मंदिर की खोज की गई।
यह मंदिर सूर्य देव के रथ के आकार में बना है। इस रथ में 12 जोड़ी पहिए हैं और 7 घोड़े रथ को खींचते हुए दिखाए गए हैं। 7 घोड़े 7 दिनों के प्रतीक हैं और 12 जोड़ी पहिए दिन के 24 घंटों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भी माना जाता है कि 12 पहिए साल के 12 महीनों का प्रतीक हैं। रथ के आकार के इस मंदिर में 8 तड़ियां भी हैं जो दिन के 8 घंटों का प्रतिनिधित्व करती हैं। यहां की सूर्य मूर्ति पुरी के जगन्नाथ मंदिर में संरक्षित है। इसलिए इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है। यह मंदिर समय की गति को दर्शाता है।
अगर आप यहां पहुंचने से पहले होटल बुक कर लेते हैं तो आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। यहां आप 200 रुपए में होटल का कमरा भी बुक कर सकते हैं। यहां आप समुद्र तट और सूर्य मंदिर के पास रिसॉर्ट और होटल भी देख सकते हैं, जिनकी संख्या काफी अधिक है। यहां पहुंचने के लिए अक्टूबर से फरवरी का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
यहां का मुख्य बाजार क्षेत्र समुद्र तट और मंदिर परिसर के पास है जहां बड़ी संख्या में ढाबे हैं। यहां आप स्वादिष्ट शाकाहारी और मांसाहारी भोजन का लुत्फ उठा सकते हैं। बंगाली स्टाइल फिश फ्राई यहां बहुत लोकप्रिय है। यहां आप कॉन्टिनेंटल और चाइनीज भोजन का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
यदि आप हवाई मार्ग से कोणार्क जाना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भुवनेश्वर है। कोणार्क यहां से करीब 65 किमी दूर है जहां आप कैब से जा सकते हैं। अगर आप रेल द्वारा कोणार्क जाना चाहते हैं तो आप भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से कोणार्क आ सकते हैं या आप पुरी रेलवे स्टेशन से यहां आ सकते हैं। बाकी की दूरी आप सड़क मार्ग से पूरी कर सकते हैं। कोणार्क भारत के लगभग सभी भागों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

