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कभी अजायब घर के नाम से मशहूर थी जयपुर की ये 150 साल पुरानी इमारत, वायरल फुटेज में जानें इसकी पूरी सच्चाई

रामनिवास बाग में स्थित राज्य संग्रहालय अल्बर्ट हॉल को कभी राजस्थान अजायबघर के नाम से जाना जाता था। दरअसल, सवाई राम सिंह द्वितीय को प्राचीन वस्तुओं के संग्रह में गहरी रुचि थी। उन्होंने बादल महल में पहला अजायबघर स्थापित किया। वर्ष 1866 के दौरान पं. शिवदीन ने किशनपोल में अपने लिए एक हवेली बनवाई। पंडितों ने इसमें रहने से इंकार कर दिया.....
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जयपुर न्यूज डेस्क !!! रामनिवास बाग में स्थित राज्य संग्रहालय अल्बर्ट हॉल को कभी राजस्थान अजायबघर के नाम से जाना जाता था। दरअसल, सवाई राम सिंह द्वितीय को प्राचीन वस्तुओं के संग्रह में गहरी रुचि थी। उन्होंने बादल महल में पहला अजायबघर स्थापित किया। वर्ष 1866 के दौरान पं. शिवदीन ने किशनपोल में अपने लिए एक हवेली बनवाई। पंडितों ने इसमें रहने से इंकार कर दिया।

सवाई राम सिंह ने उस हवेली के एक हिस्से में हुनरी मदरसा और दूसरे हिस्से में बादल महल का अजायबघर स्थानांतरित कर दिया था। फरवरी 1876 में प्रिंस अल्बर्ट की जयपुर यात्रा की योजना एक साल पहले ही बनाई गई थी। उन्हें तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य का अगला राजा एडवर्ड सप्तम बनना था। ऐसे में उनके भव्य स्वागत की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.

ब्रिटिश अधिकारी डाॅ. वां। हैंडले के नेतृत्व में इमारतों का जीर्णोद्धार कार्य शुरू हुआ। सफ़ेद रंग का जयपुर गुलाबी रंग में रंगा हुआ था. अल्बर्ट ने प्रिंस की यात्रा की स्मृति में 6 फरवरी 1876 को इस इमारत की नींव रखी।

स्वागत से अभिभूत होकर प्रिंस अल्बर्ट ने जयपुर से वसूला जाने वाला कर भी आधा कर दिया। इस भवन का निर्माण मिस्त्री चन्द्रा एवं तारा के निर्देशन में हुआ था, इसी दौरान रामसिंह की मृत्यु हो गयी। राम सिंह के उत्तराधिकारी महाराजा माधो सिंह ने मुख्य अभियंता स्विंटन जैकब के नेतृत्व में निर्माण फिर से शुरू किया। उस समय अकाल भी पड़ा था इसलिए लोगों को रोजगार देने के लिए निर्माण कार्य शुरू किया गया। इसका उद्घाटन 21 फरवरी 1887 को सर एडवर्ड बेडफोर्ड द्वारा किया गया था।

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