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फ्रांस की कालीनों से मुगलों के सिक्कों तक, वीडियो में देखें जयपुर की वो जगह जहां आज भी है दुनिया का सबसे बेशकीमती खजाना

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राजस्थान न्यूज डेस्क !!! इस बात से तो आप भी सहमत होंगे कि पुरानी चीजें एक अलग ही महत्व रखती है। इतिहास और उसकी जानकारी हमेशा हमारे मन को आकर्षित करती है। गुलाबी नगरी जयपुर में विश्व इतिहास का एक ऐसा नायाब केंद्र मौजूद है जो हमारे लिए राजस्थान या भारत ही नहीं विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं के भी बहुत सारे राज खोलता है। 

कालीन गैलरी: अल्बर्ट हॉल में स्थित कालीन गैलरी दुनिया के इस्लामिक देशों में बनने वाली विश्व की बेहतरीन कालीनों को अपने अंदर संजोय हुए है। ये कालीन सोलह सौ बत्तीस में मिर्जा राजा जय सिंह के समय पर खरीदे गए थे, जिनके कारपेट में फ़ारसी उद्यान के दृश्य को दिखाया गया है। इसे चार भागों में विभाजित किया गया है जो कई वर्गों में उप-विभाजित है। इस कालीन पर मौजूद अलग-अलग रंग कालीन की विभिन खूबियों को दर्शातें है, जिसमे मछलियों, पक्षियों, कछुओं और अन्य प्रकृति व जीव-जंतुओं की कला-कृतियां बनायीं गई है। यहाँ विश्व प्रसिद्ध गोलाकार कालीन भी देखे जा सकते हैं, जिन पर मुगल और पुष्प पैटर्न की छाप है।  

क्ले आर्ट गैलरी: क्ले आर्ट गैलरी में क्ले से बनी विभिन अंतर्राष्टीय सभ्यताओं को दर्शाती मूर्तियां रखी गयी है, जो 19 वीं शताब्दी की उत्कृष्ट मुद्राओं को दर्शाती है।  जिसमें योगिक मुद्राएं, समाजशास्त्रीय विषय, शिल्पकला आदि शामिल हैं।

सिक्का गैलरी: इस दिलचस्प गैलरी में आपको मुगलों और अंग्रेजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिक्कों की एक विस्तृत श्रृंखला दिखाई देगी। सिक्कों के विश्व इतिहास में पंच-चिन्हित सिक्कों को सबसे प्राचीन माना जाता है, जो यहां पर रखे गए हैं। यहां अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब के शासनकाल से संबंधित कई मुगल काल के सिक्के रखें गए हैं, जिन्हें राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से खोजा गया था। 

ज्वेलरी गैलरी: यह गैलरी अपने आप में अनूठी है, जहां राजा महाराजाओं नहीं बल्कि सामान्य जनता और किसानों द्वारा पहने जाने वाले सभी आभूषण रखे गए हैं। ये आभूषण चांदी और पीतल से बने हैं, जिसमे पायल, अंगूठी, हेयर पिन, कंगन और हार जैसे कुछ आभूषण प्रमुखता से प्रदर्शित हैं।

म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स गैलरी: इस गैलरी में आप प्राचीन भारतीय वाद्य यंत्र जैसे शहनाई, ढप, पुंगी रावण हत्था आदि देख सकते हैं।

इसके अलावा आप यहां यहाँ आप वस्त्र, वस्त्र, संगमरमर कला, मिट्टी के बर्तन, मूर्तियां, धातु कला, हथियार और कवच जैसी अन्य रोमांचित करने वाली ऐतिहासिक चीजें भी देख सकते हैं। 

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय पर्यटकों के लिए प्रतिदिन सुबह 9.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक और शाम 7.00 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है। यहां घूमने के लिए भारतीय पर्यटकों को 40 रूपये, भारतीय स्टूडेंट्स को 20 रूपये, विदेशी स्टूडेंट्स को 150 रूपये और विदेशी पर्यटकों को 300 रूपये एंट्री फीस का भुगतान करना होता है। इसके साथ ही यहां सात साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं होने के अलावा सभी पर्यटकों के लिए राजस्थान दिवस, विश्व विरासत दिवस, विश्व संग्रहालय दिवस और विश्व पर्यटन दिवस पर प्रवेश निःशुल्क रहता है।

अगर आप जयपुर में अल्बर्ट हॉल घूमने का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे कि अल्बर्ट हॉल रामनिवास बाग में अजमेरी गेट के पास स्थित है। आप जयपुर हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। अगर आप फ्लाइट से यात्रा करके अल्बर्ट हॉल जयपुर जाने का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे की यहां से सबसे निकटतम हवाई अड्डा सांगानेर हवाई अड्डा है जो अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम से 10 किलोमीटर की दूरी पर है। आप जयपुर हवाई अड्डा से टैक्सी ,केब या बस से यात्रा करके अल्बर्ट हॉल पहुंच सकते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए आपको ऑटो से 150, कैब से 200 और बस से 30 रूपये खर्च करने पड़ सकते हैं।ट्रैन से यहां पहुंचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जयपुर रेलवे स्टेशन है, जो अल्बर्ट हॉल से 5 किलोमीटर की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन से अल्बर्ट हॉल तक पहुंचने के लिए आपको ऑटो से 80, कैब से 100 और बस से 20 रूपये खर्च करने पड़ सकते हैं। अगर आप अल्बर्ट हॉल जयपुर की सड़क मार्ग से यात्रा करने की योजना बना रहे है तो अल्बर्ट हॉल जयपुर बस अड्डे से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बस अड्डे से यहां तक पहुंचने के लिए आपको ऑटो से 90, कैब से 150 और बस से 20 रूपये खर्च करने पड़ सकते हैं।

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