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इस वीकेंड आप भी दोस्तों और परिवार के साथ करें राजस्थान के इस शाही महल की सैर, वीडियो में खूबसूरती देख फौरन बना लेंगे घूमने का प्लान

सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार....
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जयपुर न्यूज डेस्क !!! सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी। सिटी पैलेस की स्थापना 16वीं शताब्दी में हुई थी। इसे स्थापित करने का विचार राजा उदय सिंह द्वितीय को एक संत ने दिया था। इस प्रकार यह परिसर 400 वर्षों में बनी इमारतों का एक समूह है। यह एक भव्य परिसर है. इसे बनाने में 22 राजाओं का योगदान था। इस परिसर में प्रवेश के लिए टिकट की आवश्यकता होती है। आप बड़ी पॉल से टिकट लेकर इस परिसर में प्रवेश कर सकते हैं।

परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य त्रिपोलिया गेट दिखाई देगा। इसमें सात [1] चाप हैं। ये मेहराबें उन सात स्मृतियों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चांदी से तोला जाता था और उनके वजन के बराबर सोना और चांदी गरीबों में बांट दिया जाता था। इसके सामने की दीवार को 'अगड़' कहा जाता है।

यहां हाथियों की लड़ाई का खेल होता था. इसी परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है। इस परिसर का एक हिस्सा सिटी पैलेस संग्रहालय है। अब इसे सरकारी संग्रहालय घोषित कर दिया गया है। वर्तमान में शम्भुक निवास शाही परिवार का निवास स्थान है। इससे आगे दक्षिण में 'फतह प्रकाश भवन' और 'शिव निवास भवन' हैं। फिलहाल दोनों को होटल में तब्दील कर दिया गया है।

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