Chaitra Navratri 2025: मध्य प्रदेश में स्थित देवी के चमत्कारी मंदिर और शक्तिपीठ पास मेला भी लगता है
नवरात्रि नौ दिनों का त्योहार है, जिसमें हर दिन माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान देशभर के देवी मंदिरों में भक्तों की कतारें देखी जाती हैं। मां दुर्गा के प्रसिद्ध एवं सिद्ध शक्तिपीठों के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यदि आप मध्य प्रदेश के निवासी हैं तो आपको माता दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं है, इस राज्य में देवी दुर्गा के शक्तिपीठ तो हैं ही साथ ही यहां कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिर भी स्थापित हैं।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 रविवार से शुरू होकर 6 अप्रैल 2025 रविवार को समाप्त होगी। ऐसे में अगर आप मध्य प्रदेश के निवासी हैं और देवी दुर्गा के दर्शन करना चाहते हैं तो अपने ही राज्य के कुछ प्राचीन दुर्गा माता मंदिरों में जा कते हैं। यहां हम मध्य प्रदेश के देवी माता मंदिरों या शक्तिपीठों के बारे में बता रहे हैं।
हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है जहां माता सती की कोहनी गिरी थी। रुद्र सागर तालाब के पश्चिमी तट पर स्थित इस शक्तिपीठ के बारे में मान्यता है कि माता दिन में गुजरात में और रात में उज्जैन में निवास करती हैं।
मध्य प्रदेश के अमरकंटक में माता सती का दायां नितंब गिरा था। यहां नर्मदा नदी का उद्गम होने के कारण देवी मां की पूजा नर्मदा के रूप में की जाती है। इसे शोनाक्षी शक्तिपीठ भी कहा जाता है। मंदिर में मां नर्मदा की मूर्ति को स्वर्ण मुकुट से सजाया गया है और एक चांदी का मंच भी है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक प्रसिद्ध मैहर माता मंदिर है जो त्रिकूट पहाड़ी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि माता सती का हार यहीं गिरा था। इसीलिए इस स्थान का नाम मैहर पड़ा। मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 1063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे सेवा भी उपलब्ध है।
माँ पीताम्बरा पीठ मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित है। यहां माता बगलामुखी की पूजा पीताम्बरा रूप में की जाती है। इस मंदिर में महाभारत काल का वनखंडेश्वर महादेव मंदिर स्थित है तथा धूमावती माता का मंदिर भी है।
कालिका माता मंदिर रतलाम जिले में स्थित है। यह मंदिर चमत्कारी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब भक्त मंदिर में देवी कालिका की मूर्ति के सामने खड़े होते हैं, तो उन्हें अपने शरीर में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा का एहसास होता है। नवरात्रि पर मंदिर के पास मेला भी लगता है।