ओडिशा का जैव विविधता से भरपूर पर्यटन स्थल है भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान, इन गर्मियों की छुट्टियों में परिवार के साथ जरूर पहुंच जाएं यहां
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ओडिशा के कटक जिले में स्थित एक अद्वितीय और अत्यंत महत्वपूर्ण पारिस्थितिक स्थल है। यह पार्क अपनी जैव विविधता, सुंदरता और संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। भीतरकणिका का नाम ही इसके आंतरिक जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की विशिष्टता को दर्शाता है। यह राष्ट्रीय उद्यान न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह स्थल आर्द्रभूमि, मैंग्रोव और वनों के मिश्रण के कारण जैव विविधता से समृद्ध है, जो यहां के वनस्पतियों और जीवों के लिए आदर्श वातावरण प्रदान करता है।
तरकनिका क्षेत्र को पहले वन्यजीव अभयारण्य के रूप में विकसित किया गया था, लेकिन 1988 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दे दिया गया। यह क्षेत्र भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे महत्वपूर्ण आर्द्रभूमियों में से एक माना जाता है, और इसे रामसर साइट के रूप में भी मान्यता प्राप्त है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि है।
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिक तंत्र पाए जाते हैं। यहां मैंग्रोव वनों और आर्द्रभूमियों की उपस्थिति इस क्षेत्र को जैव विविधता का एक अद्वितीय केंद्र बनाती है।
भीतरकणिका में उगने वाली प्रमुख वनस्पतियों में मंगल वृक्ष, कुम्बी, रिहान और साल शामिल हैं। यहां के अद्वितीय मंगलमरिच्य वन मछलियों, क्रस्टेशियंस (जैसे झींगा और केकड़े) और अन्य जलीय जीवों के लिए आदर्श आवास प्रदान करते हैं।
भीतरकनिका पक्षी प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है। यह राष्ट्रीय उद्यान विशेष रूप से प्रवासी पक्षियों का घर है। सर्दियों के दौरान व्हाइट बेली सीगल, ग्रेटर फाल्कन जैसे पक्षी यहां आते हैं। इसके अलावा यहां पाल्टून हेरोन, स्पॉटेड ईगल और किंगफिशर जैसे अन्य पक्षी भी पाए जाते हैं। इन पक्षियों की देखभाल और संरक्षण के लिए यह क्षेत्र पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
भीतरकनिका का सबसे बड़ा आकर्षण यहां के राजा मगरमच्छ हैं, जो एक दुर्लभ प्रजाति है जो मुख्य रूप से पूरे भारत में पाई जाती है। इन्हें देखने के लिए पर्यटक विशेष नाव की सवारी पर जा सकते हैं। यह एक रोमांचक और अनोखा अनुभव है, क्योंकि आप इन विशाल और अद्भुत जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं।
भीतरकनिका में नाव की सवारी का अनुभव बहुत रोमांचक और सुंदर है। नाव की सवारी के दौरान आप जंगल की सघनता, नदियों की शांति और जीवों की विशिष्टता को महसूस कर सकते हैं। नाव से आप विभिन्न पक्षियों, जलीय जीवों और मगरमच्छों को देख सकते हैं।
पास में स्थित खिरानी और कलिंगा समुद्र तट पर्यटकों को समुद्र के किनारे शांतिपूर्ण और आरामदायक अनुभव प्रदान करते हैं। यह स्थान उन पर्यटकों के लिए आदर्श है जो समुद्र और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं।
भीतरकनिका की जलवायु समशीतोष्ण है। गर्मियों में यहाँ का तापमान 30-40°C तक पहुँच जाता है, जबकि सर्दियों में यह 15-20°C तक रहता है। यहां मानसून का मौसम जून से सितंबर तक रहता है, जब भारी बारिश होती है और पर्यटकों के लिए यात्रा करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए नवंबर से फरवरी तक का समय भीतरकणिका यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त है।
वायुमार्ग: भितरकनिका का निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर है, जो लगभग 160 किमी दूर स्थित है। यहां से आप टैक्सी या निजी वाहन द्वारा भितरकनिका पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग: भीतरकणिका का निकटतम रेलवे स्टेशन कटक है, जो भीतरकणिका से लगभग 100 किमी दूर है। यहां से राष्ट्रीय उद्यान तक टैक्सी या बस द्वारा पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: भीतरकनिका सड़क मार्ग से कटक, भुवनेश्वर और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। आप यहां निजी वाहन या बस से भी पहुंच सकते हैं।
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ओडिशा का एक अनोखा और जैविक रूप से समृद्ध स्थल है, जहां पर्यटकों को प्रकृति के करीब जाने और दुर्लभ वन्य जीवन और पक्षियों को देखने का अवसर मिलता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, विविधता और शांति हर किसी को एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं या वन्य जीवन में रुचि रखते हैं, तो भीतरकनिका की यात्रा आपके लिए रोमांचकारी साबित होगी।