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खूबसूरत ‘हुंजा वैली’ के 5 इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स

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भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में जब भी तनाव होता है, तो खबरें अक्सर सीमाओं, सैन्य कार्रवाइयों और राजनीतिक बयानबाजी तक ही सीमित रह जाती हैं। लेकिन इन सबके बीच एक घाटी ऐसी भी है जो शायद शांति, सुंदरता और संस्कृति का ऐसा प्रतीक है जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। हम बात कर रहे हैं भारत और पाकिस्तान के बीच हुंजा घाटी की। यह घाटी पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में स्थित है और काराकोरम पर्वत श्रृंखला की गोद में बसी है। यह इलाका भारत के लद्दाख क्षेत्र से भी जुड़ा हुआ है और ऐतिहासिक रूप से सिल्क रूट का हिस्सा रहा है। हुंजा घाटी न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है, बल्कि यहां के लोग, उनकी जीवनशैली, खान-पान और ऐतिहासिक विरासत की भी दुनिया भर में सराहना की जाती है। आइए जानते हैं इस घाटी से जुड़ी 5 बेहद रोचक और अनोखी बातें।

हुंजा घाटी के लोग लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए जाने जाते हैं। कई लोग 100 साल से ज्यादा जीते हैं और 80 की उम्र में भी काफी जवां दिखते हैं। इसकी वजह यहां का शुद्ध खान-पान, ताजे फलों का सेवन और तनाव मुक्त जीवनशैली मानी जाती है।

हुंजा घाटी के ग्लेशियरों से बहने वाले पानी को स्थानीय लोग जादुई पानी मानते हैं। वैज्ञानिकों ने भी पाया है कि इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।

यहां की खुबानी पूरी दुनिया में मशहूर है। स्थानीय लोग इसे सुखाकर साल भर खाते हैं। खुबानी के बीज का तेल भी निकाला जाता है, जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।

हुंजा घाटी की महिलाएं अपनी खूबसूरती के लिए भी जानी जाती हैं। कहा जाता है कि हुंजा घाटी की महिलाएं 65 साल की उम्र में भी जवान और खूबसूरत दिखती हैं। यहां की महिलाएं जवान दिखती हैं और इतनी सक्रिय हैं कि वे 65 साल की उम्र में भी बच्चों को जन्म दे सकती हैं।

हुंजा घाटी कभी बौद्ध धर्म का गढ़ हुआ करती थी। आज भी यहां कई पुरातात्विक स्थल हैं जिन पर बौद्ध धर्म के प्रतीक अंकित हैं। वहीं, आज यह इलाका मुख्य रूप से इस्माइली मुसलमानों से भरा हुआ है, जो शांति और शिक्षा को महत्व देते हैं।

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