आज हम आपको अकबर या फिर औरंगजेब के बारे में नहीं बल्कि ऐसी रानी के बारे में बता रहे हैं, जिसे दुनिया की सबसे अमीर शहजादी कहा जाता था। मगर क्यों? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
मुगल साम्राज्य का दौर लगभग सन 1526 से 1707 तक रहा, जिसकी स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी। इसके बाद हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां आदि के बाद अंतिम मुगल शासक औरंगजेबथा।
शाहजहां के शासन में प्रजा बहुत खुश थी। विकास और इमारतों का निर्माण भी इसी काल में हुआ था। शाहजहां ने ही ताजमहल का निर्माण कराया था। दुनिया की सबसे 'अमीर' शहजादी एक मुगल बादशाह की बेटी थी?
शहजादी का नाम था जहां आरा, जो मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज महल की बड़ी बेटी थीं। साथ ही, वो छठे मुगल सम्राट औरंगजेब की बड़ी बहन भी थीं। इनका जन्म 1614 में अजमेर में हुआ था।
जहां आरा बहुत कम उम्र में ही मुगल सत्ता में आ गई थीं और अपनी सेवाएं प्रजा तक पहुंचा रही थीं। आज भी जहां आरा के रूप और चरित्र को मुगल इतिहास भुला नहीं सकता।
कहा जाता है कि बादशाह शाहजहां ने जहां आरा के लिए छह लाख रुपये का वार्षिक वजीफा तय कर दिया था, जो अब तक किसी भी महिला को नहीं मिला था
जब जहां आरा को वजीफा मिला तो वो उस वक्त सिर्फ 14 साल की थीं और दुनिया की भी सबसे अमीर शहजादी बन गई थीं। इनके पास कई जागीरें और एक लाख अशर्फियां और चार लाख रुपए थे।
कहा जाता है कि दिल्ली का चांदनी चौक का बाजार डिजाइन करने वाली शहजादी जहां आरा ही थीं। इन्होंने सिर्फ चांदनी चौक बल्कि शाहजहांनाबाद में कई इमारतें भी बनवाईं थीं।
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