मृदुल कच्छावा,आज भी इस नाम से चंबल की बीहड़ में डकैत कांप उठते हैं। क्योंकि यह वही आईपीएस है जिसने 50 से ज्यादा डकैतों को चंबल में दबिश देकर पकड़ा।
अब एक बार फिर मृदुल कच्छावा का नाम चर्चा में है क्योंकि उन्हें राज्यपाल सम्मानित किया गया है। यह सम्मान चुनाव के दौरान किए गए अपने बेहतरीन कामों और मॉनिटरिंग के लिए दिया गया है।
आपको बता दे कि चुनाव के दौरान और वर्तमान में भी मृदुल भरतपुर जिले के पुलिस अधीक्षक हैं। जिन्हें चुनाव के दौरान जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सम्मानित किया गया।
मृदुल मूलरूप से बीकानेर जिले के रहने वाले है। कॉलेज की पढ़ाई जयपुर से की और फिर यहां से सीए और सीएस भी किया। 2014 में नेट भी क्लियर किया और इन्हें जर्मन बैंक में नौकरी भी मिली
बैंक की नौकरी छोड़कर मृदुल ने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की और वो दिल्ली चले गए। अगले ही प्रयास में उनका आईपीएस में चयन हो गया।
अब तक वह राजस्थान में करीब तीन से चार जिलों के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। उनका नाम सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया जब वह 2019 के बाद धौलपुर रहे
मृदुल कच्छावा को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में प्रोवेशनल एसपी जनवरी 2017 से जून 2017 तक लगाया गया. 2018 तक वो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहे. गंगानगर के बाद मृदुल कच्छावा को अजमेर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एसपी पद पर लगाया गया और यहां कच्छावा जनवरी 2019 से जुलाई 2019 तक रहे.
तकनीकी डकैतों को जेल भेजने में भी कारगर साबित हुई है. इस तकनीकि का पूरा लाभ उठाया धौलपुर के युवा और ऊर्जावान आईपीएस पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने. युवा पुलिस कप्तान ने चंबल के बीहड़ों से डकैतों और बदमाशों का सफाया करने का बीड़ा उठाया