कौन कहलाते हैं ‘कारसेवक’ और क्या है इसका अर्थ?

22 जनवरी को होगा राम मंदिर का उद्घाटन

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होगा। इस कार्यक्रम में देश की अनेक जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी। पीएम नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

कभी यहां था विवादित ढांचा

अयोध्या में जहां राम मंदिर का निर्माण हुआ है, वहां कभी विवादित ढांचा था, जिसे 6 दिसंबर 1992 को कुछ लोगों ने तोड़ दिया। जिन लोगों ने ये काम किया उन्हें ‘कार सेवक’ कहा गया।

क्या है कार सेवक का अर्थ?

‘कार सेवक’ ये शब्द हम सभी ने कभी न कभी जरूर सुना होगा, लेकिन इसका अर्थ क्या है, किन लोगों को कार सेवक कहा जाता है? इसके बारे में कम ही लोगों को पता है।

ये है कार सेवक का अर्थ

हिंदी में हाथों का एक पर्यायवाची ‘कर’ भी है। कर का बहुवचन हुआ कार, जिसका अर्थ है दोनों हाथ। जो लोग निस्वार्थ भाव से अपने हाथों से धार्मिक काम करते हैं, उन्हें कार सेवक कहते हैं।

सिख ग्रंथों में कारसेवा का जिक्र

कारसेवा शब्द सिख ग्रंथों में भी आया है। कार सेवा यानी धार्मिक कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना ये सिख धर्म की ही शिक्षा है। स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी कार सेवा से ही हुआ था।

कार सेवक यानी वोलिंटियर

अंग्रेजी में कार सेवकों के लिए वोलिंटियर शब्द का प्रयोग किया जाता है। कार सेवक यानी वे लोग जो धार्मिक मामलों में निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं देते हैं।

किन्हें कहा जाता है कार सेवक?

दरअसल जो लोग किसी धार्मिक कार्य या किसी संस्था के लिए परोपकार से जुड़े काम निस्वार्थ भावना से या पैसे लिए बिना करते हैं उन्हें कार सेवक कहा जाता है

भारतीय इतिहास

भारतीय इतिहास में 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराया गया था. उसके बाद से ही कार सेवक शब्द चर्चाओं में आ गया था.