होंगे कैसे बदलाव
10 अगस्त को पेश किए गए इस बिल से 1991 का एक्ट निरस्त होगा, जो चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तें और कार्य संचालन को व्यवस्थित करता था।
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट का दखल नए बिल से खत्म होगा।
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में CJI की जगह केंद्रीय मंत्री लेंगे, जो चयन समिति में सदस्य होंगे।
नियुक्ति चयन समिति में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता, और केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे, जो चुनाव आयुक्तों के चयन को देखेंगे।
खोजबीन समिति पांच व्यक्तियों का पैनल तैयार करेगी और CEC की नियुक्ति के लिए चयन समिति द्वारा उनमें से एक का चयन किया जाएगा।
CEC और EC के पात्र केंद्र सरकार के सचिव के पद के बराबर पद पर होने के पात्र होंगे और उनमें चुनाव प्रबंधन और संचालन की विशेषज्ञता होगी।
इस कानून के बनने से शक्तियों और विशेषाधिकार में विशेष कमी आने की संभावना नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि चयन होने के बाद CEC और EC संविधान के अनुच्छेद-324 के तहत चुनावों का संचालन करते हैं।
राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल की नए नोटिफिकेशन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जज 9वीं और मुख्य चुनाव आयुक्त 9-ए रैंक पर हैं।
चुनाव आयुक्तों की बहाली वाले प्रस्तावित कानून की धारा-11 (2) के अनुसार CEC और EC को संविधान के अनुच्छेद-324 (5) के तहत ही हटाया जा सकता है।