नागा संन्यासी, अक्सर समाज से कटे रहते हैं.
कुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में ही उनकी मौजूदगी बड़े स्तर पर नजर आती है.
पर क्या आपको पता है कि नागा संन्यासी कहां रहकर तपस्या करते हैं?
काशी और उज्जैन में भी रहकर नागा संन्यासी तपस्या करते हैं.
प्रयागराज में नागा संन्यासी तपस्या करते हैं.
काशी और उज्जैन में भी रहकर नागा संन्यासी तपस्या करते हैं.
हरिद्वार और उससे आगे हिमालय की कंदराओं में भी छिपकर नागा संन्यासी तप साधना करते हैं.
पनी कठिन साधना की वजह से वे दुनिया से विरक्त रहते हैं
महाकुंभ, अर्धकुंभ या फिर सिंहस्थ कुंभ में आपने नागा साधुओं को जरूर देखा होगा। कौन हैं ये नागा साधु, कहां से आते हैं और कुंभ खत्म होते ही कहां चले जाते हैं? क्या ऐसे सवाल आपके मन में आए हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो आइए हम आपको बताते हैं हिंदू धर्म के इस बड़े रहस्य का पूरा सच...