दुर्गा प्रतिमा स्थापना के नियम
नवरात्रि देवी साधना आराधना का महापर्व माना जाता है। जो पूरे नौ दिनों तक चलता है नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूपों की पूजा होती है।
दुर्गा प्रतिमा की स्थापना के लिए उत्तर पूर्व दिशा को शुभ माना जाता है। यहां प्रतिमा स्थापित करने से मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर रहती हैं।
मां दुर्गा की प्रतिमा तीन इंच से बड़ी नहीं होनी चाहिए साथ ही साथ माता की प्रतिमा का रंग पीला, हरा, गुलाबी होना शुभ माना जाता है।
जिस स्थान पर आपको माता की मूर्ति स्थापित करनी हैं वहां पर सिंदूर, साबुत चावल जरूर डालें इसके बाद ही प्रतिमा को स्थापित करें।
दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने के लिए पश्चिम दिशा भी शुभ मानी जाती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि प्रतिमा का मुख पूव्र या दक्षिण दिशा में हो।
जहां पर आपने दुर्गा प्रतिमा स्थापित की है। वहां की साफ सफाई और पवित्रता का ध्यान जरूर रखें। स्नान के बाद ही मूर्ति को स्पर्श करें।
नवरात्रि के शुभ दिनों में माता के अलग अलग रूपों को उनकी प्रिय चीजों का भोग जरूर लगाएं मान्यता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं।
नवरात्रि में व्रतधारी नियमित रूप से मां दुर्गा की सुबह शाम पूजा करें घी का दीपक जलाकर उनकी आरती जरूर पढ़ें।
वास्तु अनुसार माता रानी की मूर्ति भूलकर भी दक्षिण दिशा में न रखें। ऐसा करने से नकारात्मकता का घर में वास होता है।