​गुजरात का वो राजा जो जहर खा-खाकर बन गया था 'विषपुरुष'

जहरीला और डरावना था महमूद बेगड़ा

भारतीय इतिहास में एक ऐसा शासक भी हुआ है जिसे जहरीला माना जाता था। इस शासक का नाम था महमूद बेगड़ा। बेगड़ा का रहन-सहन और खान-पान काफी डराने वाला था।

विचित्र थीं आदतें

इतिहास के पन्नों पर महमूद बेगड़ा उर्फ महमूद शाह प्रथम बेहद विचित्र शासक था, और खानपान को लेकर उसकी आदतें चौंकाने वाली थी

दिनभर में 35 किलो खाना खाता था बेगड़ा

बताते हैं कि महमूद बेगड़ा दिनभर में 35 किलो तक खाना खा जाता था। एक बार में बेगड़ा 100 केले और शहद-मक्खन की कई कटोरियां चट कर जाता था। सोते समय उसके बिस्तर के आसपास तरह-तरह का खाना रखा जाता था, ताकि भूख लगने पर वह खा सके।

धोखे से पिलाया था जहर

कहते हैं कि एक बार महमूद बेगड़ा को किसी ने धोखे से मारने के लिए जहर पिला दिया था। तभी से उसने जहर को अपने खाने में शामिल कर लिया ताकि उसपर जहर बेअसर रहे।

शरीर पर बैठते ही मर जाती थी मक्खी

कम उम्र से ही जहर पीने की वजह से वो इतना जहरीला हो गया था कि उसके ऊपर बैठते ही मक्खी तक मर जाती थी

शारीरिक संबंध बनाने पर महिला की मौत

बताते हैं कि उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने वाली महिला की भी मौत हो जाती थी। इस बात का जिक्र पुर्तगाली यात्री बाबोसा की किताब 'द बुक ऑफ ड्यूरेटे बाबोसा वॉल्यूम 1' (The Book of Duarte Barbosa Volume 1) में मिलता है।

बेहद छोटी उम्र में गद्दी संभाली

बेगड़ा ने महज 13 साल की उम्र में गुजरात की गद्दी संभाल ली थी और 52 साल की उम्र तक शासन किया था। उसने 25 मई 1458 से 23 नवंबर 1511 तक गुजरात पर शासन किया।

जीते थे कई किले

महमूद गुजरात का छठा सुल्तान था और उसका पूरा नाम अबुल फत नासिर-उद-दीन महमूद शाह प्रथम था। सुल्तान बनकर उसने गिरनार और चंपानेर को जीता, जिसके बाद उसे ‘बेगड़ा’ की उपाधि दी गई।

मंदिर तोड़कर बनाई दरगाह

गुजरात के पावागढ़ में कालिका माता मंदिर के शिखर को तोड़कर महमूद बेगड़ा ने वहां पर एक दरगाह बना दी थी। पिछले साल 500 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी मंदिर पर ध्वज फहराया था।

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