आज हम जैसा भारत देखते हैं असल में सदियों पहले भारत ऐसा नहीं था। भारत काफी दूर तक फैला था, कई पड़ोसी देश तब भारत का ही हिस्सा होते थे।
समय के साथ यह धीरे-धीरे अलग होते गए। अंग्रेजों के शासनकाल में भारत सबसे अधिक विभाजित हुआ।
इतिहास की बात करें तो भारतवर्ष संसार का सबसे प्राचीन देश कहा जाता है। यह देश ऋषियों, मुनियों, गुरुओं का देश माना जाता है
500 साल पहले हमारे देश पर विदेशियों ने आक्रमण किए। इसमें विशेष रूप से फ्रैंच, डच, कुशाण, शक हूण, यवन यूनानी और अंग्रेज आक्रमणकारियों ने भारत को खंडित किया
भारत अब तक 24 बार विभाजित हो चुका है। यानी भारत से 24 देश अलग हुए हैं।
पुराणों की बात करें तो धरती 7 द्वीपों की है- जम्बू, प्लक्ष, शाल्म, कुश, क्रौंच, शाक और पुष्कर
समें बीचोंबीच जम्बूद्वीप है जिसके नौ खंड है- नाभि, किम्पुरुष, हरिवर्ष, इलावृत, रम्य, हिरण्यमय, कुरु, भद्राश्व और केतुमाल. इन 9 खंडों में नाभिखंड को अजनाभखंड और बाद में भारतवर्ष बोला जाने लगा
प्राचीन काल में भारत की सीमा ईरान, अफगानिस्तान के हिन्दूकुश से लेकर अरुणाचल तक और कश्मीर से लेकर श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड और इंडोनेशिया तक बताई जाती है।
विदेशी आक्रमणों और अंग्रेजी शासन में भारत को लगातार तोड़ा गया। एक-एक करके कई देश बना दिए गए