Boreshwar Mahadev मंदिर से जुड़े रहस्य

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश के उज्जैन से कुछ किलोमीटर दूर दंगवाड़ा स्थित बोरेश्वर महादेव मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। आइए, जानतें हैं इससे जुड़े रहस्यों के बारे में

बोरेश्वर मंदिर

उज्जैन से 36 किलोमीटर दूर दंगवाडा में एक अनोखा शिव मंदिर है। जिसका नाम बोरेश्वर महादेव मंदिर है। बोर जैसी अकृति होने की वजह से इसका नाम बोरेश्वर पड़ा। माना जाता है कि यह मंदिर 5000 साल पुराना है।

मान्याताओं के अनुसार

इस अनोखे शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि इनकी जलाधारी से कभी पानी खत्म नहीं होता है। चंबल नदी भी इस मंदिर की परिक्रमा करके निकलती है।

स्वयंभूलिंग मूर्ति

बोरेश्वर महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह महादेव की स्वयंभूलिंग मूर्ति है। जिसका अर्थ है कि भगवान शिव स्वंय शिवलिंग में प्रकट हुए थे।

12 ज्योतिर्लिंगों का समावेश

बोरेश्वर महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसमें 12 ज्योतिर्लिंगों का समावेश है। यहां महादेव की जलाधारी से कभी पानी खत्म नहीं होता है

प्रचलित किवदंतियां

इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि यहां नंदी महाराज भी रात चलते हुए भक्तों को दर्शन देते हैं। वहीं मंदिर में रातभर घंटी बजते हुए लोगों को दिखाई देती है

प्रचलित किवदंतियां

इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि यहां नंदी महाराज भी रात चलते हुए भक्तों को दर्शन देते हैं। वहीं मंदिर में रातभर घंटी बजते हुए लोगों को दिखाई देती है

भक्तों की लगती है भीड़

सावन के सोमवार के दिन बोरेश्वर महादेव मंदिर को विशेष रुप से सजाया जाता है। यहां हर सोमवार सवारी निकलती है। दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

चंबल में पहुंचते हैं सिक्के

लोगों का कहना है कि इस मंदिर पर चढ़ाए गए सिक्के स्वंय ही चंबल नदी में पहुंच जाते हैं। इन सिक्कों के सीधे नदी में जाने की आवाजें भी सुनाई देती हैं।

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