वनवास के 14 साल पौराणिक कथाओं के अनुसार, 14 साल के वनवास के दौरान भगवान श्रीराम शरीफा नाम का फल माता सीता को खाने के लिए दिया करते थे, जो माता को बेहद पसंद भी था।
वहीं, कुछ ग्रंथों में कहा गया है कि जब रावण ने माता सीता का हरण किया तो माता की आंख से आंसू के बूंद जमीन पर गिरे और जंगल में शरीफे के पेड़ का जन्म हुआ।
सीताफल रामायण काल और माता सीता के जुड़ी कथाओं की वजह से ही शरीफा को सीताफल के नाम से भी जाना जाता है।
शरीफा या सीताफल देखने में बड़ा अनगढ़ है। आकर्षक नहीं है, लेकिन अंदर से इसका गूदा बहुत ही ज्यादा मीठा होता है।
सीताफल कैलोरी और फाइबर से भरपूर होता है। ये शरीर में आयरन का अच्छा स्रोत बनता है
इसके अलावा सीताफल में फ्लेवोनोइड्स और कैरोटेनॉयड्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।
सीताफल के रोजाना सेवन से खुन साफ होता है। इतना ही नहीं, ये फल अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी समस्याओं से भी राहत देता है।
सीताफल खाने से आंत की सफाई होती है। इससे ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। इसका सेवन मांसपेशियों को भी स्वस्थ बनाता है।
लेकिन ध्यान रहे इसका छिलका और बीज नहीं खाए जाते, अगर गलती से खा लिया तो पेट दर्द व उलटी हो सकती है। इसे ज्यादा खाने से सुस्ती भी होती है।