रमजान का महीना खत्म होने पर ईद का त्यौहार मनाया जाता है। ईद-उल-फितर मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद खास है। एक महीने के रोजे के बाद यह त्यौहार आता है। आइए जानें ईद कब है और इसका महत्व क्या है।
साल के नौवें महीने में रोजा रखा जाता है और 10वें शव्वाल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। इस दिन सभी रोजेदारों के रोजे पूरे हो जाते हैं।
ईद मनाने की तारीख चांद दिखने के हिसाब से ही मुकम्मल की जाती है। जिस दिन चांद दिखता है, उस दिन को चांद मुबारक कहा जाता है। सऊदी अरब में सबसे पहले ईद की तारीख का एलान किया जाता है।
अगर भारत में 21 अप्रैल को चांद दिखेगा तो फिर 22 अप्रैल को ईद मनाई जाएगी। ईद की तारीख चांद की स्थिति पर निर्भर करती है।
मुस्लिम समुदाय के लिए ईद का त्योहार बेहद खास होता है। ये अल्लाह का शुक्रिया अदा करने का दिन होता है।
इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में नौवां महीना रमजान का है। वहीं दसवां महीना शव्वाल है। शव्वाल का पहला दिन दुनिया भर में ईद-उल-फितर के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में जीत हासिल की थी। इस खुशी में ईद मनाई जाती है।
मोहम्मद साहब ने कुरान में दो पवित्र दिनों को ईद के लिए निर्धारित किया था। इस तरह से साल में दो बार ईद मनाई जाती है। जिसे ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा कहा जाता है।
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