Jhulta Minar के जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

अहमदाबाद

अहमदाबाद में मौजूद झूलता मीनार सिर्फ भारत के लिए भी बल्कि विश्व विश्व के लिए आज भी क अनसुलझा रहस्य बना हुआ है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

झूलता मीनार का इतिहास

झूलता मीनार का इतिहास काफी प्राचीन माना जाता है। इस मीनार को उस समय के राजा सुल्तान अहमद शाह से जोड़कर देखा जाता है। इसका नीव एक राजा के एक गुलाम को दिया जाता है।

झूलता मीनार की वास्तुकला

कहा जाता है इस अद्भुत मीनार का निर्माण राजपुताना प्रभावों के साथ गोथिक मुस्लिम तरीकों से किया गया है। मीनार 34 मीटर लंबी है और इसमें तीन मंजिला है।

झूलता मीनार का रहस्य

कहा जाता है कि अगर इनमे से एक मीनार हिलती है तो कुछ सेकंड बाद दूसरी मीनार अपने आप ही हिलने लगती है। मीनारों के हिलने का कारण खोजने की कोशिश की गई जिसमें शोधकर्ताओं को कुछ खास जानकारी नहीं मिली

झूलता मीनार का निर्माण

इतिहास के अनुसार झूलता मीनार का निर्माण लगभग 1452 तक पूरा हो गया था। एक अन्य कहानी है कि 1753 में मराठों और गुज़रात सल्तनत के ख़ानों के बीच युद्ध के दौरान कुछ अंश नष्ट हो गए।

घूमने का सही टाइम

आपको बता दें कि झूलता मीनार पर्यटकों के घूमने के लिए सुबह 5.30 बजे से शाम 9.00 बजे तक खुली रहती है। इस बीच आप कभी भी घूमने के लिए का सकते हैं।

एंट्री फीस

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि झूलता मीनार में प्रवेश करने और देखने के लिए कोई भी एंट्री फीस नहीं है। इसे आप निशुल्क देख सकते हैं।

आसपास घूमने की जगहें

झूलता मीनार के आसपास मौजूद साबरमती आश्रम, परिमल गार्डन, लॉ गार्डन और विश्व विंटेज कार संग्रहालय जैसी बेहतरीन जगहों पर घूमने के जा सकते हैं।

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