भोपाल की बेगम शाहजहां से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

शाहजहां

शाहजहां नाम सुनते ही आपके दिमाग में ताजमहल की छवि बनती होगी लेकिन आज हम इस लेख में भोपाल पर शासन कर चुकी शाहजहां बेगम के बारे में बात करेंगे।

कैसी थी भोपाल की रियासत?

भोपाल राज्य की अपनी एक अलग पहचान है, संस्कृति है, खूबसूरती है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक रियासत पर हमेशा से मुस्लिम पुरुष नवाबों का शासन रहा है। कई महिलाओं ने अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन से राजनीति और सार्वजनिक जीवन में एक लंबा इतिहास रच दिया है।

कौन थीं शाहजहां बेगम?

शाहजहां बेगम भोपाल रियासत पर सन् 1868-1901 तक शासन किया था। वह जहांगीर मोहम्मद खान और सिकंदर बेगम की बेटी थी। भोपाल पर शासन कर चुकी थी। उनकी मौत के बाद भोपाल की रियासत शाहजहां बेगम ने संभाली थी।

बनवाई कई ऐतिहासिक इमारतें

शाहजहां बेगम का नाम इतिहास के पन्नों में सिर्फ इसलिए दर्ज नहीं है क्योंकि उन्होंने भोपाल पर राज किया। बल्कि उन्होंने कई ऐसे काम किए जो काबिले तारीफ हैं। भोपाल में ताजमहल, नवाब मंजिल आदि बनवाई।

लिखी उर्दू में पहली ऑटोबायोग्राफी

इमारत, स्मारक बनवाने के अलावा उन्हें लिखने और पढ़ने का भी बहुत शौक था। खासकर वह उर्दू भाषा की अच्छी जानकर थीं। अपने शासनकाल के दौरान उर्दू भाषा में पहली ऑटोबायोग्राफीलिखी थी।

शुरू की डाक व्यवस्था

1882 ई. में भोपाल में डाक व्यवस्था भी शुरू की। इस व्यवस्था का श्रेय शाहजहां बेगमको ही जाता है। इसके अलावा, उन्होंने भोपाल के उज्जैन 1896 ई में रेलवे लाइन भी शुरू की।

सुल्तान जहां बेगम के बारे में जानें

सुल्तान जहां बेगम ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने भोपाल पर कई सालों तक शासन किया और समाज में महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया। 19 वीं शताब्दी की शुरुआत से लेकर अप्रैल 1926 तक शासन किया था।

अन्य बेगम

इससे पहले कुदसिया बेगम, सिकंदर बेगम भोपाल पर शासन कर चुकी है और इतिहास के पन्नों में दर्ज उनकी शख्सियत दर्ज है।

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