स्कूल ने मंहगाई के बढ़ते दबाव में विभिन्न तरीकों से पढ़ाई की फीस की जगह प्लास्टिक की बोतलें की फीस शुरू की है।
यह अनोखा स्कूल गुवाहाटी में सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है और यूजर्स खूब तारीफ कर रहे हैं।
मासिक फीस के बजाय, हर महीने हर स्टूडेंट को 25 खाली प्लास्टिक की बोतलें फीस के तौर पर जमा करनी पड़ती हैं।
अक्षर फाउंडेशन स्कूल को असम में पमोही गांव में सोशल वर्क करने वाले परमिता शर्मा और माजिन मुख्तार ने तीन साल पहले खोला।
इस स्कूल का उद्देश्य बच्चों को पारंपरिक शैक्षणिक विषयों के साथ-साथ महात्मा गांधी के शिक्षा के मूल दर्शनों के साथ शिक्षा प्रदान करना है।
असम के इस स्कूल में ग्रामीण इलाकों के सौ बच्चों को शिक्षा दी जाती है. पैसों की जगह यहां बच्चे हर हफ्ते पच्चीस खाली पानी की बोतलें जमा करते हैं.
इस स्कूल से आजतक कोई बच्चा ड्राप आउट नहीं हुआ. ये स्कूल बेहतर शिक्षा के साथ बच्चों को स्वरोजगार सिखाता है
ऐसे में अगर कुछ स्कूल बिना फीस के पढ़ाने लगें तो कई बच्चों का उद्धार हो सकता है. सोचने में भले ही ये कल्पना लगे लेकिन सोशल मीडिया पर एक ऐसा स्कूल चर्चा में हैं
शायद ही आपने सुना हो कि कोई स्कूल फीस के बदले में पैसे ना लेता हो, लेकिन ये स्कूल अन्य स्कूलों से हट कर है.