1962 में भारत-चीन युद्ध और 1965 में भारत-पाक युद्ध के बाद रॉ एजेंसी बनाई गई थी।
इसकी स्थापना 21 सितंबर, 1968 को हुई थी।
रॉ का फुल फॉर्म रिसर्च एंड एनालिसिस विंग है।
रॉ में शामिल होने के लिए कोई डायरेक्ट भर्ती नहीं होती है।
इन विभागों में अच्छा अनुभव हासिल करने के बाद आपको एक इंटरव्यू देकर रॉ में शामिल होने का मौका मिलता है।
भारत में एक रॉ एजेंट को करीब शुरुआत में 1.3 लाख प्रतिमाह सैलरी मिलती है
हालांकि रॉ एजेंट की सैलरी किसी भी देश में तैनाती के हिसाब से अलग-अलग होती है।
रामेश्वर नाथ काव के पहले प्रमुख थे और वर्तमान प्रमुख सामंत गोयल हैं।
रॉ पर आरटीआई लागू नहीं होता है और यह सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट भेजती है।